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अजमेर

अवैध बसों का ‘अड्डाÓ बना कलक्ट्रेट!

कार्रवाई के बजाय मूकदर्शक बने रहते हैं ट्रैफिक पुलिसकर्मी

अजमेरFeb 05, 2021 / 10:10 pm

bhupendra singh

Privet bus

Privet bus

अजमेर. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बेपटरी है। ट्रैफिक पुलिस की ढिलाई के कारण शहर में जगह-जगह अवैध बसें संचालित हो रही हैं। बेखौफ निजी बस माफिया ने जिला कलक्टर कार्यालय तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के आगे और पीछे की सड़क को अवैध बस अड्डा बना दिया है। सीसीबी बैंक, एसीबी कार्यालय के पीछे, एसपी कार्यालय के पीछे तथा कलक्ट्रेट के सामने से दिनभर अवैध बसों का बेरोकटोक संचालन होता है। सवारियां उतारने-चढ़ाने के लिए यहां बसों की अवैध पार्किग की जाती है। रोडवेज बस स्टैंड के सामने ट्रैफिक पुलिस गुमटी के पास से अवैध निजी बसों का बेखौफ संचालन होता है। यहां ट्रैफिक पुलिसकर्मी नजर तो आते हैं लेकिन उन्हें अवैध बसें नजर नहीं आती।
बस स्टैंड से दो किमी की परिधि तक होता है प्रतिबंध
राजस्थान पथ परिवहन निगम पहले ही घाटे का दंश झेल रहा है। वहीं केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैंड के बाहर खुलेआम निजी ऑपरेटरों की बसोंं का धड़ल्ले से संचालन कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पूर्व में कई बार रोडवेज कर्मचारियों के साथ सवारियां बैठाने को लेकर निजी बस माफिया रोडवेज की महिला परिचालकों सहित अन्य से मारपीट घटनाएं हो चुकी हैं। नियमानुसार रोडवेज बस स्टैंड की दो किमी की परिधि में निजी बसों का संचालन नहीं हो सकता।
सड़क पर ही खड़ी होती हैं निजी बसें
पुरानी आरपीएससी से कलक्ट्रेट की ओर मुडऩे वाली सड़क पर एकसाथ दो-तीन बसें खड़ी होती हैं। इससे यातायात जाम होता है। यहां कभी भी बड़ी दुघर्टना हो सकती है। इन बसों से उतने वाली सवारियों को बैठाने के लिए ऑटो चालकों में भी होड़ लगी रहती है। ऑटो चालक ऑटो बीच सड़क पर खड़ा कर देते हैं। एसीबी में कार्यरत एक कांस्टेबल की बसों का संचालन भी कलक्ट्रेट के सामने से हो रहा है।
कलक्ट्रेट के बाहर खुल गया बजार
इन दिनों कलक्ट्रेट के बाहर अवैध रूप से बाजार संचालित हो रहा है। फुटपाथ पर चाय की थड़ी, कपडे बेचने वाले, चाट का ठेला लगाने वाले, फल-सब्जी, गन्ने के जूस संचालकों का पहले ही कब्जा है। अब कलक्ट्रेट के सामने संचालित डेयरी बूथ के बाहर निजी बसों की अवैध पार्किग भी होने लगी है। जबकि यहां दिनभर टै्रफिक पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं लेकिन कार्यवाही नहीं होती। पहले यह अवैध बसेंआजाद पार्क के पास खड़ी होती थीं लेकिन अब पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे ही आ गई हैं।

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