scriptविधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष में रार : प्रदेश नेतृत्व के पास पहुंचा मामला,अनुशासन समिति के निर्णय पर नजर | Dispute between Beawar MLA and BJP District President | Patrika News
अजमेर

विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष में रार : प्रदेश नेतृत्व के पास पहुंचा मामला,अनुशासन समिति के निर्णय पर नजर

पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य चुनाव में टिकट वितरण को लेकर रही थी तनातनी, जवाजा पंचायत समिति प्रधान चुनाव में निर्दलीय का समर्थन करने, जीतने पर भाजपा का दुपट्टा पहनाने को लेकर विवाद
 

अजमेरDec 22, 2020 / 11:39 pm

suresh bharti

विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष में रार : प्रदेश नेतृत्व के पास पहुंचा मामला,अनुशासन समिति के निर्णय पर नजर

विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष में रार : प्रदेश नेतृत्व के पास पहुंचा मामला,अनुशासन समिति के निर्णय पर नजर

अजमेर/ब्यावर. विधायक शंकरसिंह रावत व भाजपा देहात जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा के बीच विवाद नहीं थम रहा। पंचायत समिति व जिला परिषद प्रत्याशी चयन व प्रधान चुनाव को लेकर दोनों के बीच तगड़ी ठन गई है। विधायक रावत भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को पराजित करने वाले निर्दलीय जीते प्रधान को भाजपा का दुपट्टा पहना कर विवादों में घिर गए।
विधायक के इस कदम को भाजपा जिलाध्यक्ष ने अनुशासनहीनता व अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताकर प्रदेश नेतृत्व से शिकायत की है। यह मामला भाजपा की प्रदेश स्तरीय अनुशासन समिति के पास पहुंच गया है। समिति इस शिकायत को कितनी गंभीरता से लेती है। सभी को समिति के निर्णय पर निगाह है।
पार्टी नेतृत्व के पास धर्मसंकट

जानकारों की मानें तो यह मामला प्रदेश नेतृत्व के लिए धर्मसंकट वाला है। किसी निर्दलीय प्रधान को भाजपा का दुपट्टा पहना कर उसे पार्टी में शामिल करना कोई गलत नहीं है। पहली बात तो यह कि निर्दलीय प्रधान गणपतसिंह रावत जवाजा भाजपा मंडल का अध्यक्ष भी है। इसे पार्टी से निकाला नहीं गया। दूसरी बात विधायक रावत के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो रावत वोट बैंक नाराज हो सकता है।
वैसे भी यदि कोई प्रधान भाजपा से जुड़ता है तो पार्टी के खाते में तो आंकड़ा बढ़ ही गया। गौरतलब है कि विधायक रावत का जवाजा क्षेत्र में खासा दबदबा है। विधानसभा चुनाव में ब्यावर शहर से पिछडऩे वाले रावत को जवाजा क्षेत्र से एकतरफा जबर्दस्त बढ़त मिली थी। ऐसे में पार्टी नेतृत्व भाजपा के स्थायी वोट बैंक को नाराज करने का खतरा मोल क्यों लेगा? साथ में पार्टी की रीति-नीतियों के खिलाफ काम करने की भाजपा जिलाध्यक्ष भूतड़ा ने रिपोर्ट भेजी है। ऐसे में संगठन की भी प्रतिष्ठा का सवाल है। अब देखना यह है कि पार्टी नेतृत्व कौनसा रास्ता अपनाता है।
अंदरूनी स्तर पर उठापटक तेज

जवाजा प्रधान को भाजपा में शामिल करने के विवाद को लेकर पार्टी में अंदरूनी स्तर पर उठापटक तेज हो गई है। चुनाव के दौरान सोशल साइट पर चले संदेश को लेकर भी शिकायतें हुई हैं। ऐसे में अब संगठन की ओर से उठाए जाने वाले कदम पर सबकी नजर है। भाजपा में टिकट वितरण से लेकर प्रधान के टिकट तक तनातनी रही। जवाजा पंचायत समिति क्षेत्र में 19 में से भाजपा ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी।
प्रधान पद के टिकट को लेकर काफी खींचतान चली। पार्टी ने विधायक रावत की ओर से सुझाए प्रत्याशी को दरकिनार कर किसी दूसरे को उम्मीदवार बना दिया। ऐसे में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा से ही बागी होकर गणपतसिंह चुनाव जीतने में सफल रहे। इस चुनाव के बाद भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी संतोष रावत सहित अन्य ने भाजपा देहात जिलाध्यक्ष को शिकायत दी। इस पर देहात जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा ने पूरी रिपोर्ट बनाकर प्रदेश मुख्यालय को भेजी है। ऐसे में अब इन शिकायतों पर संगठन की ओर से अनुशासन समिति की होने वाली बैठक में निर्णय होना है।
कई जगह नजर आई फूट

भाजपा में अनुशासन को सर्वोपरि रखा जाता है। इन चुनावों में टिकट वितरण को लेकर आपसी खींचतान सामने आई। आपसी खींचतान कई जगह मुखर हुई। इतना ही नहीं सदस्यों को जबरदस्ती उठाकर ले जाने को लेकर थाने तक मामला पहुंचा। देहात जिलाध्यक्ष को लेकर भी सोशल साइट पर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। ऐसे में अब भाजपा के अनुशासन का डंडे कब चलता है एवं इसका असर किस पर पड़ता है। इस पर सबकी नजर है।

Home / Ajmer / विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष में रार : प्रदेश नेतृत्व के पास पहुंचा मामला,अनुशासन समिति के निर्णय पर नजर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो