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अजमेर

PATRIKA LIVE-सरकार कह रही सबकुछ ठीक, हॉस्पिटल में कुछ यूं मिले हालात

मरीजों का इलाज तो भगवान भरोसे रहा मगर सरकार के सुचारू चिकित्सा के दावों की भी पोल खुल गई।

अजमेरDec 09, 2017 / 08:07 am

Prakash Chand Joshi

doctors not available in hospitals

doctors not available in hospitals

चंद्रप्रकाश जोशी/अजमेर।

गोद में मासूम बच्चों को लेकर खड़ी मां एवं छोटे बच्चों को लेकर पहुंचे परिजन डॉक्टर साहब का इंतजार करते रहे। मौसमी बीमारियों एवं वायरल से तप रहे बच्चों के इलाज के लिए माता-पिता भटकते रहे। बार-बार डॉक्टर साहब की खाली कुर्सी के पास जाकर कतार लगाते तो कभी बाहर आकर पूछताछ करते। मरीजों का इलाज तो भगवान भरोसे रहा मगर सरकार के सुचारू चिकित्सा के दावों की भी पोल खुल गई। आक्रोशित मरीजों ने बताया कि अगर डॉक्टर ही नहीं तो अस्पताल के ताले क्यों खोल दिए…क्या व्यवस्था है यहां…यहां कोई आदमी मरने के लिए आए क्या…।
राज्य सरकार की वादा खिलाफी से खफा सेवारत चिकित्सकों ने भी राज्य कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के हवन में आहूति दी। जिलेभर में अधिकांश सेवारत चिकित्सक भी शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। चिकित्सकों के गैर हाजिर रहने से मरीज परेशान हो गए। मासूम बच्चों की परेशानी एवं बुजुर्ग मरीजों का दर्द और बढ़ गया।
…तो बंद करनी चाहिए डिस्पेंसरी

समय शाम 5.01 बजे
पुलिस लाइन स्थित राजकीय डिस्पेंसरी में चिकित्सक की कुर्सी खाली, डिस्पेंसरी के बाहर खड़े मरीज एवं बीमार मासूम बच्चों को देख कर कई लोगों का आक्रोश बढ़ गया। वहां खड़े मरीज के परिजन प्रेमसिंह ने कहा कि अगर डॉक्टर नहीं तो डिस्पेंसरी बंद कर देनी चाहिए। इसका ताला ही नहीं खोलना चाहिए।
मेल नर्स ने दी दवाइयां, देखे मरीज

समय शाम 5.26 बजे डॉक्टर के अवकाश पर रहने पर पंचशील राजकीय डिस्पेंसरी में मेल नर्स ने सामान्य बीमार मरीजों को दवा एवं परामर्श दिया। नर्सिंगकर्मियों ने ही इनका इलाज किया। यहां मेल नर्स हेमेन्द्र सिंह ने मरीजों की नब्ज टटोली, जबकि चिकित्सक की कुर्सी खाली रही।
जिलेभर में प्रभावित रही चिकित्सा व्यवस्था

जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, पीएमओ अस्पतालों में 90 फीसदी चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर रहे। अखिल सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर सामूहिक अवकाश का असर मरीजों एवं आमजन के हित में नहीं रहा। इन सब के बावजूद राज्य सरकार वैकल्पिक व्यवस्था को दरकिनार करती रही।
पैराफेरी गांवों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी सिर्फ नर्सिंगकर्मी उपस्थित मिले। उधर, वैशालीनगर डिस्पेंसरी में सुबह मरीजों की भीड़ के चलते चिकित्सक पहुंचे और उपचार किया।
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जनता से नहीं सरकार के प्रति चिकित्सकों में रोष
उधर, अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश प्रतिनिधि एवं जिला उपाध्यक्ष डॉ. अनन्त कोटिया ने कहा कि चिकित्सकों में जनता के प्रति हमदर्दी है। एक दिन का सामूहिक अवकाश रखने का मकसद सरकार को फिर से चेतावनी देना है। पिछले माह चिकित्सकों की हड़ताल व त्यागपत्र के बाद सरकार के साथ हुए समझौते को आज तक लागू नहीं करके सरकार जनता की उपेक्षा कर रही है। सरकार को प्रदेश की जनता की फिक्र नहीं है।
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