अजमेर

बहन को लेक्चरर बनाने के लिए भाई ही लाया था फर्जी डिग्री, SOG के हत्थे चढ़ा आरोपी शिक्षक

Fake Degree Case : राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में उत्तीर्ण हुई कमला के लिए उसका बड़ा भाई दलपत सिंह ही फर्जी डिग्री लेकर आया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

अजमेरMar 22, 2024 / 11:01 am

Anil Prajapat

Fake Degree Case : अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में उत्तीर्ण हुई कमला के लिए उसका बड़ा भाई दलपत सिंह ही फर्जी डिग्री लेकर आया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। जांच के सामने आया कि आरोपी दलपत सिंह सांचौर जिले के वाड़ा भाड़वी का रहने वाला है और सांचौर जिले में थर्ड ग्रेड शिक्षक है। वह 2018 में शिक्षक बना था।

पूछताछ में आरोपी कमला ने एसओजी को बताया था कि फर्जी डिग्री उसे भाई दलपतसिंह ने लाकर दी थी। इसके बाद एसओजी ने गुरुवार रात सांचोर से उसके भाई दलपतसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। एसओजी की पड़ताल में आया कि फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार चितलवाना निवासी ब्रह्मा कुमारी व कमला कुमारी रिश्ते में मौसेरी बहनें हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ब्रह्मा कुमारी के लिए भी आरोपी दलपत ने ही फर्जी डिग्री बनवाई थी।

 

अब एसओजी यह पता लगाने में जुटी हुई है कि दलपत सिंह ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री कैसे बनवाई थी और वो कब से ऐसा कर रहा है। क्या फर्जी डिग्री मामले में इसके साथ और भी लोग मिले हुए हैं। फिलहाल, गिरफ्तार शिक्षक से पूछताछ जारी है। इधर, फर्जी डिग्री मामले में पकड़ी गई कमला कुमारी व ब्रह्मा कुमारी को एसओजी ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों को 28 मार्च तक एसओजी रिमांड पर लिया गया है।

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बता दे कि 15 अक्टूबर 2022 को आयोजित प्राध्यापक हिंदी प्रतियोगी परीक्षा में गांव वाड़ा भाड़वी तहसील बागोड़ा सांचौर जिला निवासी कमला कुमारी (31) पुत्री भारमल विश्नोई को सातवीं और गांव भूतेल देवड़ा तहसील चितलवाना निवासी ब्रह्मा कुमारी पुत्री बाबूलाल को 36 वीं रैंक मिली थी। लेकिन, जब इन दोनों के दस्तावेजों की जांच की तो डिग्री फर्जी पाई गई।

जिस पर राजस्थान लोक सेवा आयोग ने दोनों अभ्यर्थियों के खिलाफ बुधवार को सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दी। इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, आयोग ने किसी संगठित गिरोह के फर्जीवाड़े की आशंका के चलते मामला एसओजी को सौंप दिया। ऐसे में एसओजी ने दोनों अभ्यर्थियों को कस्टडी में लेकर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों बहनों को 28 मार्च तक रिमांड पर लिया गया है।

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