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अजमेर में रेड-कारपेट पर चलेंगे दरगाह कमेटी के विशेष मेहमान कश्मीर की तुलना अफगानिस्तान से कश्मीर (
kashmir) की तुलना अफगानिस्तान (
afganistan) से करते हुए अब्दुल्ला बोले कि लोग कहेंगे कि वहां बंदूकें चलती हैं। लेकिन क्या अफगानिस्तान में बंदूकें नहीं चल रही, वहां बम नहीं फूटते, वहां लोग नहीं मर रहे? वहां भी तो रूस, अमरीका और चीन शांति बहाली की कोशिश कर रहे हैं। इसी तरह अमरीका अगर कश्मीर मसला हल करने में हमारी मदद करता है तो इसमें गलत क्या है।
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यूपीएसी की तैयारी के लिए अजमेर में मिलेगी मुफ्त कोचिंग नफरतें देश के लिए खतरा अब्दुल्ला से जब कहा गया कि भारत के विदेश मंत्री (
foreign minister) ने ट्रम्प के दावे को खारिज किया है तो उनका कहना था कि किसने क्या कहा, मैं यह नहीं जानता। लेकिन मोदीजी की मैं तारीफ करता हूं कि उन्होंने एक अच्छा कदम उठाया है। अब्दुल्ला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री भी जब रूस के बुलाने पर ताशकंद दौरे पर गए थे, तब भी भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे झगड़े खत्म हुए थे। अब भी अगर दोनों देश पहल करते हैं तो यह अच्छी बात है। दोनों देशों के बीच चल रहे मसले उलझेंगे तो हिन्दू-मुसलमानों के बीच नफरतें पैदा होंगी जो कि हमारे देश के लिए खतरा है।
राज्यपाल मलिक बयानों में बरतें एहतियातजम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (
satypal malik) के बयान को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है और हम यह उम्मीद करते हैं कि वे भविष्य में अपने बयानों में एहतियात बरतेंगे।
शांति से चल रही है अमरनाथ यात्रा अब्दुल्ला ने कहा कि अमरनाथ यात्रा (
amarnath yatra) को लेकर किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। अमरनाथ यात्रा शांति से चल रही है और कश्मीरी मुसलमान ही श्रद्धालुओं की मदद में लगे हुए हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर के डीजीपी को नसीहत दी है कि वे खामोशी से अपना काम करें।
कश्मीर को तीन हिस्सों में बांटना गलत अब्दुला ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय की मंशा कश्मीर को तीन हिस्सों में बांटे जाने की है। मैंने सुना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग करना चाहते हैं लेकिन ऐसा करने से नफरतें ही पैदा होगी।