सोरती के सामने जिस जगह मां लक्ष्मी की पूजा होती है, वहां रंगोली सजाकर मिट्टी की बनी हटरी की पूजा का रिवाज है। जिस पर परिवार के सभी सदस्यों के नाम अंकित होते हैं।
दीपावली की रात मां लक्ष्मी की पूजा के साथ बही खाता पूजन आज भी जारी है। गल्ला मंडी व्यापारी आज भी लाल बही के नाम से आने वाले खाता, रोकड़, चौपता, कापी, इंडेक्स खरीदते है, मगर इनका पूजन दीपावली को कर श्री गणेश नए वित्तीय वर्ष से करते हैं। समय के बदलाव की बयार ने बही खाता का काम अब कम्प्य़ूटर पर पहुंचा दिया है, मगर आज भी व्यापारी रजिस्टर, कापी, पैन खरीद कर मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।बाड़ी. घरों में हाथ से बनी हुई सोरती।
समय के परिवर्तन ने सभी त्योहारों का उत्साह फीका कर दिया है। पहले धनतेरस को बर्तनों की बंपर बिक्री होती थी, अब तो महज रस्म अदायगी के लिए खरीदारी करते हैं। प्रिया गर्ग, ग्रहिणी।