अजमेर

विदेशी दम्पती लावारिस बच्चों को सिखा रहे भारतीय संस्कृति

पालनागृहों में छोड़े गए नवजात बच्चों का मामला, विदेशी दम्पती गोद लेकर संवार रहे हैं जिन्दगी । 24 सितम्बर 2018 को विदेशी दम्पती को सौंपा था। जब बच्ची को पालनागृह में लावारिस छोड़ा गया तब पैरों व शरीर पर फफोले व स्किन संबंधी परेशानी थी। स्पेन के इस दम्पती ने उसका इलाज कराया।

अजमेरJul 12, 2019 / 09:37 pm

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विदेशी दम्पती लावारिस बच्चों को सिखा रहे भारतीय संस्कृति

चन्द्र प्रकाश जोशी
अजमेर. जन्म देने के बाद मां ने नवजात संतान को पालनागृह के हवाले कर भगवान भरोसे छोड़ दिया। मां के आंचल से छिटकी बिटिया और बेटा आज सात समन्दर पार विदेशी मां के आंचल की छांव में पल रहे हैं। इनमें से बालिका जहां स्पेन में तो बालक यूएसए में विदेशी दम्पती (foreign couple)के साथ परिवार में घुल-मिल गए हैं। खास बात यह है कि इन बच्चों का जन्मदिन भारतीय पद्धति एवं भारतीय रेस्त्रां में मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का उत्सव भी ये दम्पती बच्चों के साथ मनाते हैं।
अजमेर के राजकीय बालिका गृह एवं शिशुगृह लोहागल के दोवर्ष के परित्यक्त बालक एवं बालिका को अन्तरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण योजना के तहत विदेशी दम्पती को सौंपा गया। इन अधिनियम के तहत बच्चों को गोद लेने के बाद प्रत्येक तीन माह में बच्चों के स्वास्थ्य एवं परिवार संबंधी रिपोर्ट भेजनी होती है। इसके तहत स्पेन एवं यूएसए के केम्ब्रिज से विदेशी दम्पती ने इन बच्चों की रिपोर्ट शिशुगृह भेजी है। प्रबंधक फरहाना खान के अनुसार दोनों बच्चों की रिपोर्ट बहुत अच्छी है। हर तीन माह में विदेशी दम्पती रिपोर्ट भेज रहे हैं। बालिका गृह अधीक्षक एवं विशेषज्ञ अदिति माहेश्वरी के अनुसार विदेशी दम्पती बच्चों की अच्छी केयर कर रहे हैं। दोनों बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं।
केम्ब्रिज में जय बना ‘चक्रवर्तीÓ
यूएसए केम्ब्रिज निवासी भारतीय मूल के प्रबल चक्रवर्ती एवं उनकी पत्नी वेनेथा जूलिया दोनों इंजीनियर हैं। वेनेथा फ्रांस मूल की हैं। इन्होंने जेएलएन अस्पताल के पालनागृह में लावारिस (unclaimed child) छोड़े गए जय को गोद लिया। जब जय को लावारिस छोड़ा गया तब उसके पैर में क्लबफिट बीमारी थी जिसका इलाज अजमेर में चला, केम्ब्रिज में भी उसका उपचार हुआ। अब उसके पैर बिल्कुल ठीक हैं। दम्पती ने जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बताया कि बच्चा परिवार में घुल-मिल गया है। उसका जन्मदिन भी भारतीय रेस्त्रां में मनाया गया। जय को 29 अक्टूबर 2018 को गोद दिया गया था।
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स्पेनिशन बोलती हैं कोमल

किशनगढ़ के यज्ञनारायण अस्पताल के पालनागृह में लावारिस छोड़ी गई कोमल को विदेशी दम्पती स्पेन निवासी अल्बर्टो एवं पत्नी लोरेला ने गोद लिया। 24 सितम्बर 2018 को विदेशी दम्पती को सौंपा था। जब बच्ची को पालनागृह में लावारिस छोड़ा गया तब पैरों व शरीर पर फफोले व स्किन संबंधी परेशानी थी। स्पेन के इस दम्पती ने उसका इलाज कराया। विभाग को मिले फॉलोअप में बताया कि उसकी बीमारी ठीक हो गई है, अब स्पेनिश भाषा सीख गई है। उसे भारतीय गाने (इंडियन सॉन्ग) सुनाते हैं। 15 अगस्त व 26 जनवरी के राष्ट्रीय पर्व को वे उत्साह के साथ मनाते हैं।

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