प्रो. सिंह ने राज्यपाल को सम्राट पृथ्वीराज चौहान शोध पीठ, सिंधु शोध पीठ, अम्बेडकर शोध पीठ सहित ऋषि दयानंद चेयर और शोध पीठ की जानकारी दी। साथ ही सौ फीट पर तिरंगा फहराने, वैदिक पार्क की योजना के बारे में बताया। उन्होंने शैक्षिक और परीक्षात्मक नवाचार और शोध कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कार्यों पर संतोष जताया। लेकिन राज्यपाल ने शोध की गुणवत्ता सुधारने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में हो रहे शोध समाज, राष्ट्र और प्रदेश के काम आए तब ही उसकी सार्थकता है।
राज्यपाल कल्याण सिंह पिछले एक माह में किसी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में नहीं गए हैं। इनमें राजस्थान विश्वविद्यालय, महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी बीकानेर, जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह भी शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज से ज्यादा खुश नहीं है। सरकार और राजभवन के बीच भी अंदरूनी स्तर पर शीत युद्ध चल रहा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम से दूरी बनाई हुई है।