उद्घाटन की घोषणा के साथ आसमां में विदेशी परिन्दों (पेलिकन) की बारादरी की ओर भरी उड़ान को देख कर हर कोई रोमांचित हो उठा। हजारों मील से आए प्रवासी और देशी परिन्दे झील में इठलाते दिखे। पेड़ों के ठूंठ पर बैठे, टहनियों-झाडिय़ों में छिपे और पानी में मछलियां और भोजन तलाशते परिन्दों को देखकर शहरवासी आनंदित हो गए।
READ MORE : पड़ौसी देशों का खतरा बरकरार आनासागर झील किनारे बारादरी में चतुर्थ बर्ड फेयर के उद्घाटन समारोह में शहर के सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के करीब एक हजार छात्र-छात्राओं ने पक्षियों एवं प्राकृतिक कलाकृतियां उकेर कर रंगों से सजाया। उधर शहर के चित्रकारों ने झील किनारे बैठ कर केनवास पर बेहतरीन कलाकृतियां उकेरी। वहीं फिलाटेलिक प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र रही।
READ MORE : Panchayat chunav : उत्साह अपार : मतदान केन्द्रों पर लगी कतार प्रकृति एवं पक्षी में परमात्मा का वास- चौधरी सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रकृति परमात्मा है। इंसान को अगर पंख मिल जाएं तो वह भी पक्षियों की तरह आसमान की ऊंचाई छूना चाहेगा। प्रकृति से छेडख़ानी चिंता का विषय है।
मानव ने विलासिता और स्वच्छंदता के चलते प्रकृति से छेड़छाड़ की है, जबकि पक्षियों ने सीमित उपयोगिता का सिद्धांत समझाया है। हमें भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति को सहेजना होगा।
READ MORE : पच्चीस साल से यहां नहीं थमा छैनी-हथोड़ा कम करें सीमेंट-कंककीट के जंगल-भदेल विधायक अनिता भदेल ने कहा कि हमने पेड़-पौधों की बजाय सीमेंट-क्रंकीट के जंगल बढ़ा लिए हैं। इंसान प्रकृति से दूर जा रहा है। पत्रिका की बर्ड फेयर की मुहिम ने लोगों को प्रकृति और परिन्दों से जोड़ा है। ध्वनि, वायु और पर्यावण प्रदूषण को रोका जाना चाहिए। राज्य सरकार को भी अजमेर के बर्ड फेयर के लिए बजट आवंटित करना चाहिए।
READ MORE : Patrika 4th Bird Fair 2020: सर्द मौसम में गर्मजोशी से रंग बिखेरते कलाकार ,देखें वीडियो आनासागर शहर की धड़कन- गहलोत नगर निगम के महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि आनासागर शहर की धड़कन है। राजस्थान पत्रिका के बर्ड फेयर ने झील को पर्यटन के रूप में विकसित किया है। शहर में झील और पानी नहीं होता तो शायद यह पक्षी यहां कभी नहीं आते। पत्रिका के प्रयासों से झील का संवद्र्धन और संरक्षण बढ़ा है। चौरसियावास तालाब भी लबालब हुआ है।
READ MORE : Patrika Bird Fair 2020 : तनाव कम कर रोगों से बचाते हैं पक्षी….. बच्चों-युवाओं में आएगी चेतना- कलक्टर जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा ने कहा कि प्रवासी पक्षी वास्तव में अजमेर का गौरव हैं। लोग पर्यटन, पक्षियों और वन्य जीवों को देखने सुदूर प्रांतों में जाते हैं। सांभर झील का हादसा गंभीर सोच का विषय है। यह हमें संभलने का संकेत देता है। राजस्थान पत्रिका ने पक्षियों के अद्भुत संसार से सबको रूबरू कराया है।
अजमेर की धड़कन बर्ड फेयर- रलावता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव महेंद्र सिंह रलावता ने कहा कि बर्ड फेयर अजमेर की धड़कन है। यह बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और नेताओं-प्रशासन की जिम्मेदारी है, कि वे प्रकृति को संरक्षित रखें। बर्ड फेयर के लिए एक कोष का गठन होना चाहिए, ताकि पक्षी प्रेमियों का सम्मान हो सके।
संतुलित विकास की अवधारणा अपनाएं- कौर उप वन संरक्षक सुदीप कौर ने कहा कि बर्ड फेयर जागरुकता का मंच है। हमें बच्चों को जागरुक और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरुक करने की जरूरत है। ताकि वे शुरुआत से इसकी महत्ता को समझें। हमें संतुलित विकास की अवधारणा को भी अपनाने की जरूरत है।
पत्रिका समाज का सजग प्रहरी राजस्थान पत्रिका के संपादकीय प्रभारी के. आर. मुण्डियार ने कहा कि पत्रिका केवल अखबार नहीं समाज का सजग प्रहरी है। बर्ड फेयर के बाद ही नगर निगम ने बर्ड सेंचुरी पार्क बनाया और गणतंत्र दिवस पर झांकी निकाली गई। झील को ध्वनिमुक्त क्षेत्र घोषित किया गया।
इसमें पर्यटन विभाग को भी जुड़कर पर्यटन कैलेंडर में शामिल करना चाहिए। हमें प्रकृति को सुरक्षित रखने का संकल्प लेना चाहिए, तभी पक्षी-जैव विविधता और वन्य जीव सुरक्षित रह सकते हैं। इन्होंने ने भी किया संबोधित
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि अजमेर शहर और झील बरसों से है, लेकिन पत्रिका ने जो दिशा दी वह सराहनीय है। प्रयास किए जाएं तो यह दुनिया का श्रेष्ठ पर्यटन स्थल बन सकता है। बर्ड कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष महेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि आनासागर झील में वैटलेंड विकसित करने की जरूरत है।
एडीएम (सिटी) सुरेश सिंधी ने कहा कि पक्षी प्रकृति प्रेमी हैं। हम प्लास्टिक और अन्य सामग्री फैंककर इनके प्राकृतिक आवास और अपने लिए समस्याएं बढ़ा रहे हैं। प्लास्टिक उपयोग करने पर हमें पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए। फोटोग्राफर दीपक शर्मा ने बर्ड फेयर के दौरान फोटोग्राफी करने के टिप्स बताए। अंत में राजस्थान पत्रिका के शाखा प्रभारी बृजेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह रहे समारोह में मौजूद एडीए के सचिव किशोर कुमार, सबा खान, एसपीसी-जीसीए के प्राचार्य डॉ. एम.एल. अग्रवाल, एमडीएस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. के. सी. शर्मा, पूर्व प्राचार्य डॉ. के. के. शर्मा, जूलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. सुभाष चंद्र, रिमोट सेंसिंग विभागाध्यक्ष प्रो. सुब्रतो दत्ता, शिव कुमार बंसल, पार्षद अनीश मोयल, महेंद्र जैन मित्तल, सुनील केन, पार्षद महेंद्र जादम, चंद्र प्रकाश बोहरा, सीनियर पोस्ट मास्टर एल.एस. पटेल, शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक अजय गुप्ता, सीएमएचओ डॉ. के.के. सोनी, सुरेन्द्र राव, शक्तिसिंह रलावता, सीमा शर्मा, डॉ. सुनील लारा, पूर्व पार्षद नौरत गुर्जर, सर्वेश पारीक, दीपक शर्मा, डॉ. अतुल दुबे, टाक समाज से प्रकाश और सुभाष टाक, चित्रगुप्त प्रगतिशील समाज से अध्यक्ष अभिषेक प्रधान और आलोक सक्सेना, पक्षीविद् डॉ. के. के. शर्मा, एडीए के एक्सईएन राजेंद्र कुड़ी, जेईएन धर्मेन्द्र सिंह चौहान, अमित बजाज, रघुनंदन सिंह, मनोज और नितेश जांगिड़ उपस्थित रहे। तीन दिवसीय पक्षियों के मेले में वन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग, यातायात पुलिस, सेवाएं देने में जुटे रहे।
विशेषज्ञों ने दी जानकारी बर्ड फेयर के दौरान पक्षीविद् और विशेषज्ञों ने खूबसूरत पक्षियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कॉर्मोरेंट्र, ग्रे हेरोन, पेलिकन्स, मैलार्ड, कॉमन टील, रफ, किंगफिशर, स्पून बिल, स्पॉट बिल्ड डक, नॉर्दन शॉवलर और अन्य प्रजातियों के देशी व प्रवासी पक्षियों के बारे में बताया।
लगाई फिलाटेलिक और पोस्टर प्रदर्शनी सुभाष उद्यान-बारादरी पर डाक विभाग और पोस्ट फोरम के तत्वावधान में फिलाटेलिक प्रदर्शनी लगाई। इसमें पक्षियों, वन्य जीव और जैव विविधता पर आधारित डाक टिकट का प्रदर्शन किया गया। एमडीएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के डॉ. विवेक शर्मा, आकांक्षा वर्मा और अन्य ने पक्षियों की प्रजातियां पर पोस्टर प्रदशनी लगाई।
चित्रकार संजय सेठी के नेतृत्व में प्रहलाद शर्मा, इंदु खण्डेलवाल, डॉ. अनुपम भटनागर, प्रजेष्ठ नागौरा और अन्य ने पेंटिंग बनाई। इस अवसर पर प्रवर डाकपाल एल. एस. पटेल, फिलाटेली प्रभारी पुखराज मीना व पोस्ट फोरम अजमेर के सदस्य महेन्द्र विक्रम सिंह ने विधायक अनिता भदेल को उनके नाम की माय स्टाम्प जारी कर भेंट की गई। जिला कलक्टर व अन्य अतिथियों ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कैनवास पर बिखरे रंग स्कूली बच्चों ने कैनवास को सतरंगी बनाया। उन्होंने आनासागर झील में तैरते पक्षी, प्राकृतिक नजारों, पेड़-पौधों पर आधारित पेंटिंग बनाई। स्कूली बच्चों ने अंतर्मन पर तैरते विचारों को सुंदर तरीके से रंगों में ढाला। उन्हें पोस्टर, वाटर और स्कैच कलर का बखूब इस्तेमाल किया।
दूरबीन से निहारा पक्षियों को बर्ड फेयर के दौरान कलक्टर विश्व मोहन शर्मा, महापौर धर्मेन्द्र गहलोत सहित अतिथियों, विद्यार्थियों और लोगों ने दूरबीन से भी पक्षियों को निहारा। पक्षियों से सीखें प्रकृति प्रेम
सागर विहार चौपाटी पर आयोजित संगोष्ठी में डॉ. के.के. शर्मा ने कहा कि पक्षी वास्तविक पर्यावरण मित्र हैं। यह कीड़े-मकौड़े नहीं खाएं तो हरियाली-वनस्पति नष्ट हो सकती है। परिन्दे प्रकृति प्रेमी हैं। पक्षियों के व्यवहार और सीमित उपयोगिता के सिद्धांत से हमें पर्यावरण सुरक्षा सीखना चाहिए।
बर्ड कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष महेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि राजस्थान पत्रिका के प्रयासों से अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, बच्चों और आमजन में जागरुकता आई है। लेकिन यहां नम भूमि बनी रहनी चाहिए। मोटर बोट संचालन और मत्स्य पालन में पटाखों के इस्तेमाल से पक्षी प्रभावित होते हैं।
डॉ. विवेक शर्मा ने मंगोलिया से आने वाली ब्राउन हैडेड के अलावा टर्न, गलबिल्ट टर्न और अन्य परिन्दों के बारे में बताया। पत्रिका अजमेर के संपादकीय प्रभारी के. आर. मुण्डियार ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में भाजयुमो अध्यक्ष दीपकसिंह राठौड़, एडवोकेट कुलदीप सिंह गहलोत, नवलकिशोर खंडेलवाल, वैशाली नगर संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेंद्र पंचोली, एस.एस. गक्खड़ मौजूद थे।
इन स्कूलों की भागीदारी ब्लॉसम स्कूल, सम्राट पब्लिक स्कूल, संस्कृति स्कूल, बीएसएस स्कूल, टर्निंग पॉइंट, एचकेएच, वृंदावन स्कूल, सेन्ट्रल एकेडमी, शिवम स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय एक, ख्वाजा मॉडल स्कूल, ईस्ट पॉइंट, रॉयल बालाजी, डीएवी शताब्दी, डीबीएन, जीनियस कॉन्वेंट, अभ्यास अकेडमी, एसवीएमएस माकड़वाली, नर्सिंग स्कूल जेएलएनएच, मदस विवि के विद्यार्थी शामिल रहे।