राउमावि कोटड़ा में उत्सव का माहौल था। माताओं के समक्ष बच्चों की मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति, दूसरी ओर माताएं बच्चों की कक्षाध्यापिकाओं के साथ उनकी स्थिति की जानकारी ले रही थीं। यहां माताओं ने शिकायत की है कि बच्चे घर पर नहीं पढ़ते हैं। एक ने कहा मैं अनपढ़ रेगी पण बच्चा नै पढ़ाबो चाऊ हूं। अध्यापिकाओं ने बच्चों को छुट्टियां कम कराने की सलाह दी। यहां मदर्स-टीचर्स मीटिंग उत्सव के रूप में मनाया। प्रधानाध्यापिका मंजू माथुर के अनुसार 231 बच्चों का नामांकन है और करीब 100 माताएं मीटिंग में आईं।
राबाउमावि फॉयसागर (रामनगर) में सुबह से ही बालिकाओं की माताएं मदर्स टीचर्स मीटिंग में पहुंचना शुरू हो गईं। माताओं ने स्कूल के शैक्षणिक माहौल की तारीफ की। किसी ने बालिकाओं के स्कूल से आते जाते समय मनचलों की शिकायत की। एक अभिभावक माता ने स्कूल में टीचर के पद खाली होने की बात कही तो बताया वे अवकाश पर हैं। यहां माताओं के अल्पाहार के लिए मिठाई-नमकीन के साथ सूखे मेवों की खास व्यवस्था की गई। प्रिंसीपल विनयप्रभा विजयवर्गीय ने बताया कि मीटिंग में 488 माताओं ने उपस्थिति दर्ज कराई।
राउमावि वैशालीनगर में छात्रों की माताएं पहुंचीं। ग्रामीण परिवेश एवं कुछ तो स्वयं मजदूरी कर बच्चे को पढ़ाने के लिए जागरुक दिखीं। एक विधवा महिला भावुक हो गई और बोली कि बच्चा घर पर पढ़ता नहीं, वह चाहती है कि पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बन जाए। शिक्षिका के सामने वह रो पड़ीं। बाद में प्रिंसीपल ने उसे विश्वास दिलाया वे स्वयं उसकी मॉनिटरिंग करेंगे।