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अजमेर

बोले पेरेंट्स….मैडम बच्चे नहीं पढ़ते घर पर, आप दें इनको होमवर्क ज्यादा

हरेक मां अपने बेटे-बेटी की पढ़ाई के साथ उसकी अच्छाइयों एवं बुराइयों (कमियों) को भी साझा किया।

अजमेरNov 19, 2017 / 06:36 am

Prakash Chand Joshi

mother teacher meet in schools

mother teacher meet in schools

चंद्रप्रकाश जोशी/अजमेर।

मैडम! आप बताओ मेरे बच्चे कैसे हैं पढऩे में? यह घर पर नहीं पढ़ते हैं, होमवर्क ज्यादा दिया करो… ताकि घर पर भी पढ़ते रहें। कई बार कहना नहीं मानते, स्कूल में आपकी बात तो मानते हैं। उधर, बालिका स्कूल में मां.. मेरी बेटी सयानी है.. घर के काम में हाथ बंटाती है, घर पर पढ़ती भी है, वो स्कूल में कैसे है? बच्चियां कहती हैं कि मैडम अच्छी पढ़ाती हैं मगर एक विषय की मैडम नहीं है, उस विषय की पढ़ाई की भी व्यवस्था कराएं, आसपास के क्षेत्र में इस बालिका स्कूल का अच्छा नाम है।
अजमेर शहर के सरकारी विद्यालयों में पहली बार मदर्स-टीचर्स मीटिंग (मां-शिक्षक बैठक) में अभिभावक माताओं की ओर से बच्चों की पढ़ाई को लेकर न केवल सवाल किए गए बल्कि सुझाव दिए गए। हरेक मां अपने बेटे-बेटी की पढ़ाई के साथ उसकी अच्छाइयों एवं बुराइयों (कमियों) को भी साझा किया। अधिकांश मां अपनी संतान को अच्छी शिक्षा मिले इसके प्रति जागरुक दिखी। पत्रिका ने भी शहर की विभिन्न स्कूलों में मदर्स-टीचर्स मीटिंग की पड़ताल की।
केस : 1 मैं अनपढ़ रेगी पण बच्चा नै पढ़ाबो चाऊं
राउमावि कोटड़ा में उत्सव का माहौल था। माताओं के समक्ष बच्चों की मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति, दूसरी ओर माताएं बच्चों की कक्षाध्यापिकाओं के साथ उनकी स्थिति की जानकारी ले रही थीं। यहां माताओं ने शिकायत की है कि बच्चे घर पर नहीं पढ़ते हैं। एक ने कहा मैं अनपढ़ रेगी पण बच्चा नै पढ़ाबो चाऊ हूं। अध्यापिकाओं ने बच्चों को छुट्टियां कम कराने की सलाह दी। यहां मदर्स-टीचर्स मीटिंग उत्सव के रूप में मनाया। प्रधानाध्यापिका मंजू माथुर के अनुसार 231 बच्चों का नामांकन है और करीब 100 माताएं मीटिंग में आईं।
केस : 2 माताओं ने कहा-पढ़ाई के लिए अच्छा है स्कूल
राबाउमावि फॉयसागर (रामनगर) में सुबह से ही बालिकाओं की माताएं मदर्स टीचर्स मीटिंग में पहुंचना शुरू हो गईं। माताओं ने स्कूल के शैक्षणिक माहौल की तारीफ की। किसी ने बालिकाओं के स्कूल से आते जाते समय मनचलों की शिकायत की। एक अभिभावक माता ने स्कूल में टीचर के पद खाली होने की बात कही तो बताया वे अवकाश पर हैं। यहां माताओं के अल्पाहार के लिए मिठाई-नमकीन के साथ सूखे मेवों की खास व्यवस्था की गई। प्रिंसीपल विनयप्रभा विजयवर्गीय ने बताया कि मीटिंग में 488 माताओं ने उपस्थिति दर्ज कराई।
केस : 3 सरकार की योजनाओं की भी ली जानकारी
राउमावि वैशालीनगर में छात्रों की माताएं पहुंचीं। ग्रामीण परिवेश एवं कुछ तो स्वयं मजदूरी कर बच्चे को पढ़ाने के लिए जागरुक दिखीं। एक विधवा महिला भावुक हो गई और बोली कि बच्चा घर पर पढ़ता नहीं, वह चाहती है कि पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बन जाए। शिक्षिका के सामने वह रो पड़ीं। बाद में प्रिंसीपल ने उसे विश्वास दिलाया वे स्वयं उसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
इनके साथ अन्य महिलाएं भी शिक्षिकाओं से बच्चों की रिपोर्ट ले रहीं थीं। शिक्षिकाएं व शिक्षक बच्चों में सुधार होने की बात कही। प्रिंसीपल महावीर सिंह राठौड़ ने बताया कि करीब 210 माताएं मीटिंग में उपस्थित रहीं। उन्हें सरकार की योजनाओं की भी जानकारी दी।

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