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अजमेर

इस तकनीक ने किया रेल का सफर अब ज्यादा सुरक्षित

अजमेर मंडल सहित 30 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल

अजमेरMay 19, 2022 / 08:44 pm

tarun kashyap

इस तकनीक ने किया रेल का सफर अब ज्यादा सुरक्षित

इस तकनीक ने किया रेल का सफर अब ज्यादा सुरक्षित

अजमेर। संभावित रेल दुर्घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए रेलवे काम में जुटा है। इसके लिए रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण, दोहरीकरण के साथ रेल संचालन को आधुनिक व मजबूत बनाने की कवायद जारी है। इसके तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के सिग्नल व दूरसंचार विभाग ने रेल संचालन में संरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई है। इसी का नतीजा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर सहित विभिन्न मंडलों के 30 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की आधुनिक सिग्नल प्रणाली लगाई है। सिग्नल प्रणाली में आधुनिकीकरण के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे ने लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष में चार इंटरमीडिएट लॉक सिस्टम (आईबीएस) भी स्थापित किए हैं। इस प्रणाली में एक ट्रेन के दूसरे स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही आईबीएस को पार करने के बाद उस खंड में दूसरी ट्रेन चलाई जा सकती है। इससे रेल दुर्घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार अजमेर मंडल के मावली, बड़ी सादड़ी, जयसमंद, रिखबदेव व सेमड़ी स्टेशन को पिछले दिनों इंटरलॉक्ड किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ावा करने के साथ ही रेल संचालन में संरक्षा-सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। इस दिशा में सिग्नल व दूरसंचार विभाग अपनी भूमिका निभा रहा है।
253 रिले रूम्स में फायर अलार्म सिस्टम

रेलवे स्टेशन पर सिग्नल रिले रूम्स की सुरक्षा वृद्धि के लिए इस वर्ष 74 स्टेशनों सहित उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 253 रिले रूम्स में ऑटोमेटिक फायर अलार्म सिस्टम स्थापित किए हैं। इसी के साथ 36 स्टेशनों पर जीपीएस आधारित डिजिटल घड़ी भी लगाई गई है।
532 समपार फाटक इंटरलॉक्ड

समपार फाटकों पर संरक्षा व सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए इस वित्तीय वर्ष में 23 समपार फाटकों को इंटरलॉक किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक कुल 532 समपार फाटकों को इंटरलॉकिंग किया गया है। इस प्रणाली में गेट के बंद होने पर ही सिग्नल हरा होता है। गेट बंद न होने पर उससे जुड़ा सिग्नल लाल ही रहता है। जिससे ट्रेन एक सुरक्षित दूरी पर खड़ी हो जाती है। इसी के साथ इस वर्ष 15 समपार फाटकों पर इलेक्ट्रिकल संचालित लिफ्टिंग बेरियर भी लगाए गए है, जिससे इनकी क्षमता व कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है।

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