एसओजी ने सांचौर बागोड़ा भावड़ी गांव वाड़ा निवासी कमला कुमारी (31) व उसका शिक्षक भाई दलपतसिंह व मौसेरे भाई बहन चितलवाना भूतेल देवड़ा निवासी ब्रह्मा कुमारी व उसका भाई डॉ. सुरेश विश्नोई को बुधवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने चारों को 30 मार्च तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है। प्रकरण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसओजी अजमेर चौकी) मुकेश सोनी कर रहे है।
लिखित परीक्षा में पास होने के बाद फर्जी डिग्री का जुगाड़
एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि कमला और ब्र्ह्मा के पास प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 के परिणाम आने तक दोनों के पास एम.ए हिन्दी की वैध डिग्री नहीं थी। जबकि दोनों वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय एम.ए. अंतिम वर्ष की छात्राएं थी। बिना डिग्री के प्रतियोगी परीक्षा से बाहर निकलने के बजाए कमला के शिक्षक भाई दलपत और ब्रह्मा के चिकित्सक भाई डॉ. सुरेश ने फर्जी डिग्री बनवाने का फैसला किया। डिग्री बनवाने के लिए करीब 2-2 लाख रुपए खर्च किए। उन्हें चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय की एम.ए. हिन्दी की फर्जी डिग्री मिल गई। लेकिन आरपीएससी की आंतरिक जांच मं कमला और ब्रह्मा कुमारी की कारगुजारी पकड़ी गई।
यों चला घटनाक्रम
20 मार्च को कमला और ब्रह्मा कुमारी के खिलाफ खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज। देर रात एसओजी ने किया गिरफ्तार।
21 मार्च को एसओजी ने कमला के शिक्षक भाई दलपतसिंह को किया गिरफ्तार22 मार्च को एसओजी ने जोधपुर एस.एन मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग से ब्रह्मा कुमारी के भाई डॉ. सुरेश को किया गिरफ्तार
23 मार्च को एसओजी ने कोर्ट में पेश कर 27 मार्च तक लिया पुलिस रिमांड। इस दौरान फर्जी दस्तावेज किए बरामद
अभी करनी है यह जांच…
फर्जी डिग्री और उससे जुड़े लोगों के बारे में पड़ताल-प्रकरण में कुछ अन्य दस्तावेज व फर्जी डिग्री की जांच
-मेवाड़ यूनिवर्सिटी में डिग्री बनाने वाले नेटवर्क की पड़ताल-फर्जी पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच