विश्वविद्यालय में दोपहर २ बजे एनएसयूआई प्रत्याशी शुभम चौधरी (shunham chaudhry)और अपने समर्थकों के साथ नामांकन के लिए पहुंचे। इसी दौरान अभाविप प्रत्याशी रामेश्वर छाबा (rameshwar chaba) भी समर्थकों (supportes) के साथ पहुंच गए। प्रत्याशियों के महर्षि वाल्मीकि भवन में घुसते ही दोनों छात्रगुटों ने नारेबाजी (hooting), छींटाकशी शुरु कर दी। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठियां फटकार (stick threar) कर दोनों गुटों अलग किया। इसके बाद भी माहौल में तनाव बना रहा। पुलिसकर्मियों (police cops) के बार-बार खदेडऩे पर भी छात्र भवन के इर्द-गिर्द मंडराते रहे।
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एनएसयूआई प्रत्याशी शुभम चौधरी पर प्रतिद्वंद्वी गुट (students union)के छात्र ने डंडा लहरा दिया। इससे एकाएक माहौल बिगड़ गया। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष (student leader)और प्रत्याशी चौधरी ने अभाविप के छात्रों का चुनौती (challenge) दे डाली। इस दौरान अपशब्दों की बौछार चली। अभाविप और एनएसयूआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों और पुलिस ने दोनों गुटों (unions)को अलग किया। नारेबाजी करते हुए छात्र कैंपस (university campus) से बाहर चले गए।
एनएसयूआई प्रत्याशी शुभम चौधरी पर प्रतिद्वंद्वी गुट (students union)के छात्र ने डंडा लहरा दिया। इससे एकाएक माहौल बिगड़ गया। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष (student leader)और प्रत्याशी चौधरी ने अभाविप के छात्रों का चुनौती (challenge) दे डाली। इस दौरान अपशब्दों की बौछार चली। अभाविप और एनएसयूआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों और पुलिस ने दोनों गुटों (unions)को अलग किया। नारेबाजी करते हुए छात्र कैंपस (university campus) से बाहर चले गए।
मैं समझा दूंगा कानून…
एसपीसी राजकीय महाविद्यालय में पुलिस ने किसी छात्रसंघ पदाधिकारी (ex students leaders) और प्रत्याशियों (candidates) को संगठन का दुपट्टा, झंडा (flag), पोस्टर (poster), पेम्पलेट (pemplet) या स्टीकर (sticker)लेकर प्रवेश नहीं करने दिया। अभाविप के प्रत्याशियों ने जुलूस में दुपट्टा पहन रखा था। क्लाक टावर थाना प्रभारी (police officer) सूर्यभान सिंह और पुलिसकर्मियों ने प्रत्याशियों-पदाधिकारियों को इसे हटाने को कहा। इस पर प्रशांत यादव, दीपक शर्मा और पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों की बहस (debate) हो गई। छात्रों ने इसे मनमानी बताते हुए नियमों (rules and regulation) का हवाला दिया। इस पर थाना प्रभारी सिंह ने कहा कि नियम क्या हैं, मुझे मत बताओ वरना मैं कानून समझा दूंगा।
एसपीसी राजकीय महाविद्यालय में पुलिस ने किसी छात्रसंघ पदाधिकारी (ex students leaders) और प्रत्याशियों (candidates) को संगठन का दुपट्टा, झंडा (flag), पोस्टर (poster), पेम्पलेट (pemplet) या स्टीकर (sticker)लेकर प्रवेश नहीं करने दिया। अभाविप के प्रत्याशियों ने जुलूस में दुपट्टा पहन रखा था। क्लाक टावर थाना प्रभारी (police officer) सूर्यभान सिंह और पुलिसकर्मियों ने प्रत्याशियों-पदाधिकारियों को इसे हटाने को कहा। इस पर प्रशांत यादव, दीपक शर्मा और पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों की बहस (debate) हो गई। छात्रों ने इसे मनमानी बताते हुए नियमों (rules and regulation) का हवाला दिया। इस पर थाना प्रभारी सिंह ने कहा कि नियम क्या हैं, मुझे मत बताओ वरना मैं कानून समझा दूंगा।
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विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों के आसपास वाहनों का जमघट दिखा। नामांकन भरने आए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों (supporters)के वाहनों को तत्काल परिसर और आसपास से बाहर निकलवाया गया। प्राचार्यों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (election officer) ने अनाधिकृत तरीके से वाहन रखने पर जुर्माना वसूलने के निर्देश भी दिए।
विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों के आसपास वाहनों का जमघट दिखा। नामांकन भरने आए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों (supporters)के वाहनों को तत्काल परिसर और आसपास से बाहर निकलवाया गया। प्राचार्यों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (election officer) ने अनाधिकृत तरीके से वाहन रखने पर जुर्माना वसूलने के निर्देश भी दिए।