मामले का खुलासा करीब सात वर्ष बाद
अजमेर के उर्स मेले में उस वक्त हुआ जब बालिका के अभिभावकों के परिचित ने बच्ची को किन्नरों के साथ देखा। इसके बाद मामला पुलिस में पहुंचा। दोनों पक्षों में खासा विवाद हुआ। बाद में पुलिस व महिला बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली से आए किन्नर बच्ची को समिति के सुपुर्द सौंप गए। जहां से बच्चे को उसके प्राकृतिक माता-पिता को सौंपा गया।
सड़कों पर भीख मांगता मिला किन्नर के प्राकृतिक मां-बाप ने बताया कि वे दिल्ली के रहने वाले हैं। वर्ष 2010 में उनका बच्चा अज्ञात परिस्थितियों में गायब हो गया था जो पिछले वर्ष उर्स के मेले में दरगाह में देखा गया। वही दूसरी ओर किन्नरों का कहना है कि उन्हें वर्ष 2010 में यह नन्हा किन्नर हरियाणा की सड़कों पर भीख मांगता मिला। उन्होंने ने इसका पालन पोषण किया।
किन्नरों ने निभाया वादा बच्ची की देखभाल 6 वर्ष किन्नरों के बीच हुई न ही माता पिता के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। इसी के साथ बच्ची को शुगर की बीमारी व मानासिक संतुलन ठीक न होने के कारण उसे किन्नरों को सौंप दिया गया। किन्नरों से इस बात की मंजूरी भी ली गयी की भविष्य में पुख्ता सबूत मिलने के बाद बच्ची को उसके माता पिता को सौंपना होगा। यह वादा किन्नरों ने बखूबी निभाया। यहीं नहीं उन्होंने जाते समय बच्ची के लिए खेल खिलौने दिए। किन्नरों के आंखों में बच्ची से जुदा होने का गम साफ देखा गया।
२०१७ में सबूतों के साथ हाजिर हुए मां-बाप बाल कल्याण समिति की सदस्य नुसरत नकवी की भूमिका इसमें अहम रही। उन्होंने मामले में पूरी रुचि लेते हुए प्राकृतिक माता-पिता से सबूत मांगे। दिल्ली की महिला जागृति संस्था का शपथ पत्र व क्षेत्रीय विधायक का सत्यापन पत्र आदि दस्तावेज सामने आए। इसमें मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के ट्रांसजैंडर के चिन्ह होने व दिल्ली की संस्था के संरक्षण करने का रिकॉर्ड भी सामने आया। पूर्ण संतुष्टि होने के बाद समिति की अध्यक्ष डिंपल शर्मा, सदस्य नुसरत नकवी व सरोज सतरावला ने दिल्ली से किन्नरों को बुलवाया गया और बच्ची को माता-पिता को सौंपा गया।
किन्नरो से बच्ची मांगना था चुनौती भरा काम समिति सदस्य नकवी ने बताया कि सबूतों के आधार पर बच्ची को किन्नरों से वापस लेना चुनौती भरा था । बच्ची ने छह वर्ष किन्नरों के साथ बिताया था। किन्नरों की गुरु को वह बच्ची नानी व उनके चेले को वह मां कहकर पुकारती थी। लेकिन जब किन्नरों को यह सच्चाई बताई गई तो उन्होंने बिना किसी रोक टोक के बच्ची को लौटा दिया।