संदीप कुमार को वल्लभ नगर से धौलपुर, सुधारानी मीना को भरतपुर से रामगढ़ पचवारा, पंखीलाल मीना को मंडरायल से नादैाती, मनोज सोलंकी नादौती से लालसोट, महिपाल सिंह राजावत को अकलेरा से श्री माधोपुर, बनवारी लाल गुप्ता को श्रीमाधोपुर से प्राचार्य पटवार प्रशिक्षण केंद्र अलवर, रामलाल मीणा को चीखली से जसवंतपुरा, देशलराज परिहार को शेरगढ़ से सांचोर, मदाराम को चितलवाना से सायला, मदाराम मीना को सायला से गडरारोड, ज्ञानचंद जैमन को निवाई से गंगापुरसिटी, प्रांजल कंवर को मुंडावर से निवाई, कमल पचौरी को जहाजपुर से बौंली, अभिषेक कुमार सिंह को बौंली से पावटा भेजा गया है।
इसी तरह ओमप्रकाश वर्मा को चौमूं से रामगढ़, पायल जैन को रामगढ़ से कठूमर, अनूप सिंह को कठूमर से कोटपूतली, सीमा खेतान को कोटपूतली से चौमूं, भानुश्री को भू प्रबंध अधिकारी अलवर से लवाण, हनुमानाराम को भूपालसागर से सहायक भू प्रबंध अधिकारी जोधपुर, ईश्वरलाल खटीक को भदेसर से रेलमगरा, सोहनलाल शर्मा को झोंथरीपाल से खमनौर, रामप्रसाद खटीक को खमनौर से फूलियाकलां, सूर्यकांत शर्मा को उदयपुरवाटी से मुंडावर, राजेंद्र कुमार मीना को अटरू से पचपहाड़ और रामनिवास मीणा को पचपहाड़ से अटरू भेजा गया है।
अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer )में स्टाफ समय का कितना पाबंद है, इसकी कलई खुल गई। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (Prof r.p.singh) आकस्मिक जांच करने सुबह ही चाणक्य भवन पहुंच गए। इस दौरान कई अधिकारी और कर्मचारी विलंब से पहुंचे। कुलपति ने किसी को नहीं टोका, लेकिन उन्होंने एकाध दिन में बड़ी कार्रवाई का फैसला किया है।