scriptअजमेर डिस्कॉम के दो जिले जाएंगे निजी हाथों में | Two districts of Ajmer Discom will go into private hands | Patrika News
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अजमेर डिस्कॉम के दो जिले जाएंगे निजी हाथों में

फ्रैंचायजी मॉडल पर निजी क्षेत्र संभालेगा बिजली व्यवस्था
सरकार के निर्देश पर तैयार शुरु

अजमेरMay 31, 2021 / 07:20 pm

bhupendra singh

Ajmer discoms

ajmer discom

अजमेर. सरकार के निर्देश पर अजमेर डिस्काम ajmer discom के तहत आने वाले 11 जिलों व 12 सर्किलों में दो जिलों Two districts के विद्युत तंत्र को निजी सेक्टर को देने की तैयारी शुरु हो गई। हाल ही ऊर्जामंत्री की अध्यक्षता में आयोजित वीसी की बैठक में नए डिस्ट्रीब्यूशन फ्रंचायजी एरिया के चयन व मौजूदा डिस्ट्रीब्यूशन एरिया की कार्यप्रणाली तथा आ रही समस्याएं तथा मुद्दे पर ली गई। इस दौरान निगम के तहत आने वाले दो जिलों को निजी हाथों private hands में देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। निगम ने दो जिलों के साथ ही दो शहरों का भी चयन फ्रैंचायजी के लिए किया था लेकिन दो जिलों का ही प्रस्ताव दिया गया। डिस्कॉम का डीएफ के लिए फोकस उन जिलों पर हैं जहां विद्युत छीजत 15 प्रतिशत से अधिक है।
राज्य में यहां हुआ विद्युततंत्र का निजीकरण

निगम में वर्तमान में अजमेर शहर को फ्रंचायजी कम्पनी टाटा पावर tata power को दिया गया है। भीलवाड़ा को एमबीसी मॉडल mbc पर संचालित किया जा रहा है। बांसवाड़ा जिले को भी एमबीसी मॉडल पर संचालित किया जा रहा है। कोटा, बीकानेर तथा भरतपुर की विद्युत व्यवस्था को फैंचायजी मॉडल पर दिया गया है।
टाटा पावर के खर्च व कार्यप्रणाली होगा आंकलन
बैठक में यह तय किया गया कि निगम तथा वर्तमान फ्रैंचायजी कम्पनी टाटा पावर के सदस्यों की संयुक्त कमेटी का गठन किया जाए जो वर्तमान डिस्ट्रीब्यूशन फ्रंचायजी के कार्य का आंकलन व पूंजीगत निवेश का भौतिक सत्यापन करे जो कि डिस्ट्रीब्यूशन फ्रंचायजी द्वारा अजमेर शहर में विद्युत तंत्र में सुधार के लिए किया गया है। अजमेर में डिस्ट्रीब्यूशन फ्रैंचायजी को विद्युत तंत्र के विकास पर 38 करोड़ रूपए खर्च करने है। कम्पनी ने अब तक कितना खर्च किया है इसका आंकलन किया जाएगा।
यह है कमेटी के सदस्य
अजमेर डिस्ट्रीब्यूशन फ्रैचायजी क्षेत्र में जिसके अंतर्गत अजमेर डिस्कॉम से एईएन डीएफ एस.सी.बैरवा, विजय पाल सिंह तथा फ्रैचायजी टाटा पावर से राजेन्द्र सेठिया, भूपेन्द्र शर्मा को नियुक्त किया गया है। यह कमेटी फैंचायजी के कार्यो का निरीक्षण व कुल पूंजीगत व्यय जो कि डिस्ट्रीब्यूशन फ्रैंचायजी द्वारा किया गया इसका भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट 15 दिन में निगम के प्रोजेक्ट विंग के मुख्य अभियंता को प्रस्तुत करेगी। इसके बाद इसे मंजूरी लिए सरकार को भेजा जाएगा। कमेटी ने सर्वे शुरु कर दिया है।
इनका कहना है

डिस्ट्रीक फ्रैंचायजी कम्पनी के काम के वरिफिकेशन के लिए कमेटी गठित की गई है। यह देखा जाएगा कि विद्युत सुधार के लिए डीएफ कम्पनी ने क्या किया है। तीन जिलों के लिए प्रस्ताव पूर्व में भेजा गया था एक को एमबीसी मॉडल पर मंजूरी दी गई है।
ए.के.जागेटिया, मुख्यअभियंता प्रोजेक्ट, अजमेर डिस्कॉम
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