यह पड़ रहा असर
इन पदों की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से संबंधित पटवार मंडलों का अतिरिक्त कार्य मूल पटवार मंडलों में पदस्थापित कार्मिकों से लिया जा रहा है। जिससे मूल पटवार मंडलों के कार्मिकों पर अधिक कार्यभार रहता है। इसके चलते आमजन का कार्य भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है।
इनकी स्वीकृति भी शेष
राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा वर्ष 2017-2018 तथा 2019 में घोषित नवीन तहसीलों एवं उप तहसीलों में कुछ नए पटवार मंडल एवं भू-अभिलेख निरीक्षक वृतों का सृजन किया गया था। लेकिन इनकी भी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। राजस्व मंडल ने पटवार मंडलों एवं भू-अभिलेख निरीक्षक वृतों की वित्तीय स्वीकृति जल्द जारी करने के लिए पत्र लिखा है।
इसलिए बनी थी कमेटी पटवारियों Patwaris के पास कितनी काम है तथा पटवार मंडल व ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक का एरिया एक समान हो, इसके अध्ययन के लिए सरकार ने भनोत कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पटवारियों के बीच काम का बंटवारा सामान्य रूप से पटवार मंडल बढ़ाने तथा इसके लिए 1200 पदों पर पटवारी भर्ती की सिफारिश की थी। सरकार ने यह भर्ती एक साथ नहीं की। वर्ष 2000 से 2008 के बीच होने वाली पटवारी भर्ती में कमेटी की सिफारिश वाले पद भी शामिल होते रहे लेकिन 2008 के बाद कमेटी की सिफारिश वाले पदों की वित्तीय मंजूरी नहीं मिली।
फैक्ट फाइल
राज्य में पटवारियों के कुल स्वीकृत पद 12264हैं। जिनमें से 4135 पद खाली हैं। राज्य में पटवारियों के 4431 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग के जरिए प्रक्रियाधीन है। इसकी परीक्षा अगले वर्ष होने की संभावना है।