वर्ष 2007 में स्थापित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में अब तक डॉ. श्रीगोपाल मोदानी, प्रो. एम.सी. गोविल प्राचार्य रहे। प्रो. गोविल के बाद कुछ वक्त डॉ. एम.एम. शर्मा कार्यवाहक प्राचार्य बने। सरकार ने वर्ष 2015 में डॉ. अजयसिंह जेठू को स्थाई प्राचार्य नियुक्त किया था। उनका तीन साल का कार्यकाल मार्च में पूरा होना है, लेकिन इससे पहले ही डॉ. जेठू ने तकनीकी शिक्षा विभाग इस्तीफा भिजवा दिया है। उन्होंने विभाग से 15 दिसम्बर तक रिलीव करने का आग्रह किया है।
वापस पढ़ाएंगे एमएनआईटी में
डॉ. जेठू मूलत: जयपुर के मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल विभाग के रीडर हैं। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज से रिलीव होकर वे अपने मूल संस्थान में वापस लौटेंगे। यहां वे पुन: सिविल विभाग में कक्षाएं लेंगे। मालूम हो कि उनसे पहले प्रो. एम. सी. गोविल भी एमएनआईटी में वापस लौटे थे। प्रो. गोविल वर्तमान में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सिक्किम के निदेशक हैं।
डॉ. जेठू ने दिलाई पहचान डॉ. जेठू के कार्यकाल में कॉलेज का काफी विकास हुआ। हाइटेक भवन, छात्राओं के प्लेसमेंट के बूते कॉलेज की पहचान कायम की है। यहां की 65 छात्राओं का बॉश और अन्य कम्पनियों में प्लेसमेंट हुआ है। कॉलेज जल्द गूगल, फेसबुक और एमेजॉन जैसी नामचीन कम्पनियों को प्लेसमेंट के लिए आमंत्रित करेगा।
…तो प्रो. माहेश्वरी को कमान सरकार को महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए नया प्राचार्य ढूंढना होगा। इसके तहत राजकीय बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रंजन माहेश्वरी या अन्य किसी को जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में भी जून 2015 से स्थाई प्राचार्य नहीं है। प्रो. माहेश्वरी भी मूलत: राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में कार्यरत है।
कार्यकाल मार्च तक है, लेकिन मैंने विभाग को इस्तीफा भिजवाया है। वापस एमएनआईटी जाकर अध्यापन कार्य करेंगे। डॉ. अजयसिंह जेठू, प्राचार्य राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज