बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज में हमेशा विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए देसी जड़ी-बूटियों से नुस्खे के साथ यूनानी दवाएं तैयार की जाती हैं। इस बार कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से लोगों को निजात दिलाने के लिए दवाखाने में देसी काढ़ा तैयार किया गया है। कॉलेज के प्रोफेसरों का दावा है कि कड़ी मेहनत व मशक्कत के बाद एक बेहतरीन नुस्खा तैयार किया गया है, जिसमें तमाम तरह की यूनानी दवाइयों का इस्तेमाल किया गया है। उनका कहना है कि यह काढ़ा कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन जैसी गंभीर बीमारी को खत्म करने में पूरी तरह से कारगर साबित होगा।
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Omicron Symptoms: कैसे पहचानें ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं या नहीं, सबसे पहले दिखते हैं यह लक्षण मुफ्त में दिया जाएगा काढ़ा प्रोफेसरों ने बताया कि यह देसी नुस्खा सर्दी, जुखाम और बुखार जैसी तमाम लक्षणों वाली बीमारियों को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाएगा। कॉलेज में खोले गए सेंटर का उद्घाटन करते हुए प्रोफेसरों ने बताया कि तिब्बिया कॉलेज अपने काढ़े को लेकर दुनिया में ख्याति हासिल कर चुका है। अब उन्होंने देसी जड़ी-बूटियों से नुस्खा तैयार किया है। वह देश के लिए काफी लाभदायक होगा। उनके द्वारा काढ़ा लोगों को मुफ्त में दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इस नुस्खे का इस्तेमाल करने से ओमिक्रॉन वेरिएंट भी चंद दिनो में खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही यह भी दावा है कि इस नुस्खे का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
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मकरसंक्रांति स्नान पर्व से माघ मेला शुरू, कोरोना नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी एक्स डीन के नेतृत्व में गठित टीम ने किया इजाद प्रोफेसर का दावा है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन में जिस तरह के सिंपटम्स पाए जाते हैं, उनका इलाज यूनानी दवाओं से करना बेहद ही आसान है। बता दें कि ओमिक्रॉन वायरस का नुस्खा तैयार करने के लिए कॉलेज के एक्स डीन के नेतृत्व में प्रोफेसरों और टीचरों की एक कमेटी का गठन किया गया था। गठन के बाद पूरी टीम ने मिलकर देसी जड़ी-बूटियों से ओमिक्रॉन वायरस को मात देने के लिए अथक प्रयास के बाद काढ़ा तैयार किया है। उन्होंने बताया कि कॉलेज की तरफ से ऐसे मरीजों का डाटा भी तैयार किया जाएगा, जिससे पता चल सके कि देसी नुस्खा मरीज पर कितना असर कर रहा है। काढ़ा लेने के बाद मरीज कितने दिन में ठीक हुआ है।