राज्यमंत्री रघुराज सिंह ने कहा कि 1925 से पहले लाउडस्पीकर की कोई खोज खबर नहीं थी। 1930 में लाउडस्पीकर बना। उन्होंने कहा कि अजान के लिए लाउडस्पीकर की कहीं कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जितने भी इस्लामिक देश हैं, वहां लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मस्जिद में अगर 100 लोग आ सकते हैं तो 100 लोग नमाज पढ़ेंगे। रोड पर नहीं पढ़ सकते हैं। इस्लामिक देशों में कानून व्यवस्था अच्छी है। उनका साफ कहना है कि मस्जिद में जितने लोग आ सकते हैं, वही आ सकते हैं। नहीं तो घर जाकर नमाज पढ़ें। लेकिन, यहां लोकशाही का 15 प्रतिशत लोग दुरुपयोग करते हैं। केवल इसलिए कि हम उनको तहे दिल से स्वीकार करते हैं। हम कहते हैं कि आपकी धार्मिक भावना है, आपका पंथ है, हमको कोई आपत्ति नहीं है।
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सपा में बगावत… पूर्व मंत्री ने उतार फेंकी अखिलेश यादव तस्वीर तो नगर अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा दूसरे समुदाय की इच्छाओं का भी रखें ख्याल उन्होंने कहा कि दूसरे समुदाय की इच्छाओं का भी ख्याल रखना चाहिए, ताकि दूसरा समुदाय भी आराम से रह सके। केवल नमाज पढ़कर ही वैजनिक नहीं बन सकते। यहां पर संविधान का पालन होना चाहिए और जब हम कानून का पालन करेंगे तो कहीं कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि आप नहीं मानोगे तो दूसरे समुदायों को भी हम रोक नहीं पाएंगे और परमिशन नहीं भी मिलेगी तो भी चलाएंगे।
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गोरखनाथ मंदिर हमला में अहमद मुर्तजा अब्बासी पर यूएपीए लगा, केस लखनऊ ट्रांसफर 21 चौराहों पर हनुमान चालीसा के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति पर ये कहा उन्होंने कहा कि मैं सरकार में बैठा हूं। सीएम योगी से वार्ता करूंगा कि या तो सबको खुली छूट हो या सबका बंद कराओ। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 2005 का आदेश है कि पूरे देश में लाउडस्पीकर बंद होने चाहिए। 21 चौराहों पर हनुमान चालीसा के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति के सवाल पर उन्होंने कहा कि या तो प्रशासन अनुमति दे या दोनों लोगों का बंद करे। हम जनमानस के साथ हैं, जिन्होंने हमको वोट दिया है। लाउडस्पीकर मस्जिदों से हटने चाहिए, हम सबकी भलाई इसी में है।