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अलीगढ़

एएमयू शिक्षकों समेत पूर्व कर्मचारियों को हो सकती है जेल

जामिया उर्दू अलीगढ़ की जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करने के मामले में एएमयू के शिक्षक, पूर्व शिक्षक एवं पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी।

अलीगढ़Nov 15, 2018 / 11:43 am

suchita mishra

amu

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अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षक, पूर्व शिक्षक एवं पूर्व कर्मचारियों द्वारा जामिया उर्दू अलीगढ़ की जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करने में जल्द जेल हो सकती है। जामिया उर्दू अलीगढ़ के रेवेन्यू रिकॉर्ड में तहसीलकर्मियों की मिली भगत से मोहम्मद उस्मान खां, प्रोफेसर जियाउद्दीन खैरूवाला, तारिक वली, प्रोफेसर अब्दुल अलीम, नफीस किदवई, प्रोफेसर मदीह शेरवानी, मुशीर अली ने 18 अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी प्रस्ताव दर्ज करा दिया था, जिसकी एफआईआर मुकदमा संख्या 491/11 अर्न्तगत धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी थाना बन्ना देवी, अलीगढ़ में जामिया उर्दू के ओएसडी फरहत अली खां द्वारा की गई। इसमें तफ्तीश होकर 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। इस पर अलीगढ़ सीजेएम न्यायालय द्वारा चार्जशीट पर प्रसंज्ञान लिया गया जिसके खिलाफ मोहम्मद उस्मान खां, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट संख्या 33862/2012 दायर कर स्टे ले लिया था। इसे मोहम्मद उस्मान खां द्वारा कई तारीखों से नहीं बढ़वाया। इसके बाद उच्च न्यायालय ने दिनांक 13 फरवरी को स्टे खत्म कर दिया। इसके आधार पर न्यायालय सीजेएम अलीगढ़ ने उपरोक्त लोगों के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए हैं। जामिया उर्दू अलीगढ़ के ओएसडी फरहत अली खान ने कहा कि जामिया उर्दू अलीगढ़ एक शौक्षणिक शिक्षण संस्था है, जिस पर गलत लोगों की निगाह थी। इस पर उच्च न्यायालय ने गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
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