घटना 29 नवम्बर 17 की है। नगर पालिका चेयरमैन पद के लिए मतदान के दौरान बसपा और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गयी। भाजपा प्रत्याशी प्रेमलता राठौर ने सहला ताहिर और उनके देवर व अन्य सहित पचास लोगांे के खिलाफ जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट दर्ज करायी है। इस मामले में आरोपीगण की ओर से तीन अलग अलग याचिकाएं दाखिल की गयी थी। अधिवक्ता विजय गौतम की दलील थी कि सहला ताहिर के चुनाव कार्यालय को पेट्रोल डालकर जला दिया गया था जिसमें भाजपा के 21 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। याची के देवर आरिफ को गंभीर चोटें आयी। इस मुकदमे को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। याची द्वारा ऐसा न करने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वृंदावन में घरों की गलत जानकारी देने पर कोर्ट सख्त
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृन्दावन में घरों की गलत संख्या बताने पर कड़ा एतराज किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से गलत दस्तावेज देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करें अन्यथा कोर्ट गलत हलफनामा देने के लिए कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने मुख्य सचिव से 22 दिसम्बर को कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन व न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने मधुमंगल शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने जल निगम मथुरा वृंदावन से यमुना प्रदूषण मामले में वृन्दावन में भवनों की संख्या की जानकारी मांगी थी। जिस पर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि वृन्दावन में 11034 घर हैं जिसमें 6 हजार से अधिक में सीवर कनेक्शन है। शेष में नहीं है। मुख्य सचिव ने भी लगभग इसी प्रकार का हलफनामा दिया है। जिसे कोर्ट ने विश्वसनीय नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है। जिस अधिकारी ने मुख्य सचिव को गलत डाटा दिया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा कोर्ट इस मामले में अवमानना की कार्रवाई करेगी।
by Prasoon Pandey
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