जी हां पंचदशनाम जूना अखाड़े के सामने बैठे इस बाबा का कहना है कि देश की खुशहाली और तरक्की के लिए मैं इश्वर और मां गंगा से आशीर्वाद मांगने के लिए हर साल कुंभ आता हूं। इस साल मैंने ये फैसला किया है कि बड़े-बड़े पांडालों के बजाय मैं अपने ही वाहन का पास बनवाऊं और इसी पर अपना आसान जमा सकूं ताकि लाखों रूपये की बर्बादी न हो सके।
24 घंटे रहते हैं सवार बाबा अजयानंद का कहना है कि हाड़ कंपाते ठंड के बाद भी वो दिन रात इसी वाहन पर बैठ ईश्वर की पूजा आराधना करते हैं। उनका कहना है कि वो चार मार्च तक यहीं धुनी रमाते रहेंगे।
भारी तादात में भक्त ले रहे आशीर्वाद गुजरात के इस बाबा को नये अंदाज में देख श्रद्दालू काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं। जो भी उनके पास आ रहा है बाबा उनकी मंशा पूछते हैं और फिर उन्हे सफलता का मंत्र भी बताते हैं। बाबा कहते हैं आने वाले समय में मैं संतों को जागरूक करूंगा कि सब पांडालों को तैयार कराने में पैसे की बर्बादी न करें।