पत्रिका की टीम ने रैन बसेरो अव्यवस्थाओ को लाइव दिखाया ।जिसमे चौकाने वाले सच सामने आए। पत्रिका के पड़ताल के 24 घंटे के अंदर शासन के कागज पर दौड़ रहे रैन बसेरों के घोड़ो की रफ़्तार थमी और अधिकारी आधी रात निकलकर मुआयना करने पहुंचे। बीती रात पत्रिका की टीम ने शहर के इलाकों में निकल कर रहे बसेरों का सच जाना। जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का शहर फेल साबित हुआ।और सारे दावे जो कागजो पर दौड़ रहे थे।वो सिर्फ जमीनी हकीकत में रेंगेते दिखे।रैन बसेरे में टिन की चादरों के आलावा कुछ देखने को नही मिला।कही कही तो सिर्फ टीन के बने ढाँचे ही मिले। चादरों का ढांचा बना कर छोड़ दिया गया न रोशनी का बिस्तर सब बस कागजो पर ही था।
डिप्टी कमिश्नर जांच के दौरान प्रयाग स्टेशन सिविल लाइंस इलाके के पत्थर गिरजाघर पार्क पुराने शहर के कई इलाकों में रैन बसेरों का दौरा किया।जहां साफ पानी रखने और पानी गर्म करने का पात्र भी रखने का निर्देश दिया है। साथ ही अलाव रखने और गंदगी को हटाने का निर्देश दिया। और तत्काल प्रभाव से यहां पर सुविधाओं को मुहैया कराने का निर्देश दिया। साथ ही सभी रैनबसेरों के लिए निर्देश जारी किया गया। कि जरूरतमंद व्यक्ति को रोका जाए। और साथ ही रजिस्टर मेंटेन किया जाए। जिसमें उनका नाम उनका पता लिखा जाए, और उनकी फोटो खींची जाए।दौरे पर निकले डिप्टी कमिश्नर अखिलेश ओझा ने सडक के किनारे सो रहे लोगो को उठा कर रैन बसेरे तक भेजा।साथ ही यह निर्देश दिया की किसी भी हालत में कोई भी खुले आसमान तले ना सोए।