शिवपाल की चाल के बाद समाजवादी पार्टी अब इस स्ट्रेटेजी से बढ़ाएगी अपनी ताकत यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति डी.के सिंह की खण्डपीठ ने नितिन कुमार शिवबरन सहित दो अन्य कोटेदारों की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता पूर्व अपर महाधिवक्ता कमल सिंह यादव व नवीन कुमार ने बहस की। याचीगण का कहना है कि उचित दर की दूकानों में मशीनों के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को आधार कार्ड आधारित बायोमेट्रिक पहचान तकनीकी के जरिये खाद्यान्न वितरण किया जाता है।
PATRIKA IMPACT: आधार से हेराफेरी करने वाले आठ कोटे की दुकानें निलंबित खाद्य आयुक्त में जुलाई 18 माह के डाटा का परीक्षण कराया तो 43 जिलों में हुए घोटाले का खुलासा हुआ। जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है। आरोप है कि आधार डाटा में फेरबदल कर वस्तु वितरित की गयी। वास्तव में खाद्यान्न किसी को दिया ही नहीं गया और एक डाटा पर बार-बार वस्तु वितरित की गयी।
डिप्टी CM केशव मौर्य ने किया INDIA POST PAYMENTS BANK का उद्घाटन, कहा यह बैंकिंग क्षेत्र में नया आयाम साबित होगा याची अधिवक्ता का कहना है कि दर्ज प्राथमिकी में किसी कोटेदार या अधिकारी का नाम नहीं है। मामले की एसटीएफ जांच हो रही है। जांच पूरी हुए बगैर प्राथमिकी दर्ज करना विधि विरूद्ध है। याचियों का कहना है कि खाद्य आपूर्ति अधिकारी व आपूर्ति निरीक्षक प्राइवेट आपरेटर के जरिये लाॅक खोलते हैं। कोटेदारों से एक से पांच तारीख को हर महीने मशीन मंगा ली जाती है। ऐसे में हुए घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत है और कोटेदारों को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।
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