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प्रयागराज

बसंत पंचमी पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग , जानिए कैसे मिलेगी सफलता

पीले फूल वस्त्र का दान विशेषफल दाई

प्रयागराजJan 29, 2020 / 12:14 pm

प्रसून पांडे

Sarvartha Siddhi Yoga is being made on Basant Panchami

बसंत पंचमी पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग , जानिए कैसे मिलेगी सफलता

प्रयागराज | संगम की रेती पर चल रहे माघ मेले के चौथे स्नान पर्व वसंत पंचमी का पुण्य स्नान गुरूवार को होगा। जिसके लिए प्रशासन ने एक बार फिर घाटों सहित मेला क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी है। माघ मेले में पंचमी के स्नान पर्व पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगायेंगे। इस बार ग्रह नक्षत्रों की स्थिति माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को खास मानी जा रही है। वसंत पंचमी का पर्व माघ मास की शुक्ल पंचमी तिथि को मनाये जाने की परम्परा है। वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा होती है।


कार्यों में मिलेगी सफलता

30 जनवरी को पड़ रही पंचमी पर संतों के मुताबिक वसंत सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। शास्त्रीय विधि के मुताबिक वसंत पंचमी को किसी व्रत का विधान नहीं हैं। लेकिन देवपूजन से पूर्व भोजन नहीं करने की मान्यता है। ज्योतिषाचार्य पंडित राम मिलन मिश्र के अनुसार पंचमी से शुरू किये गये शुभ कार्य में सफलता जरूर मिलती है। साथ ही मां सरस्वती का आशीर्वाद भी आप पर बना रहेगा। वसंत पंचमी के दिन पपीते व केले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। पीले रंग को वंसत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन पूजा और वस्त्रों में भी पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही मां सरस्वती की अराधना भी पीले फूल चढ़ाकर करनी चाहिए।

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विद्या के साधको का पर्व

विद्यार्थियों और साधकों के लिए वसंत पंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। गुरु शिष्य परम्परा के लिए भी वसंत पंचमी का विशेष महत्व है। इस दिन गुरुओं की भी वंदना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन गुरु से आशीष जरुर लें। इस दिन गुरु का आशीष लेने से विद्यार्थी ज्ञानवान व एकाग्रचित्त बनता है। इस दिन पीले रंग का फूल का पौधा लगाएं। वास्तु के हिसाब से पीले रंग का फूल बहुत शुभ माना जाता है। वसंत पंचमी के दिन स्नान का भी बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से बुद्धिबल का विकास होता है और सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं।


पांच किलो मीटर का स्नान घाट
29 जनवरी को सरस्वती पूजा और 30 जनवरी को उदया तिथि में त्रिवेणी में स्नान होगा। वहीं बसंत पंचमी के स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन ने भी सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है। डीएम भानु चन्द्र गोस्वामी के मुताबिक प्रशासन ने लगभग 75 लाख श्रद्धालुओं के संगम में आस्था की डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है।मेले को तीन जोन और सात सेक्टरों में बांटा गया है। इसके साथ ही मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में छह स्नान घाट बनाये गए हैं। कुम्भ मेले की ही तर्ज पर स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंगए जाल और घाटों पर रेत भरकर बोरियां लगायी गई हैं। वसंत पंचमी के स्नान पर्व को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम का दावा किया है।

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