मेरठ की दोनों लड़कियों ने याचिका दायर कर कहा कि वे बालिग है। एक की उम्र 25 तथा दूसरी की उम्र 35 वर्ष बतायी गयी। दोनों ने कोर्ट को अपने अधिवक्ताओं आनंदजी मिश्रा व कौशल किशोर पाण्डेय के मार्फत बताया कि उन्होंने जीवनसाथी के रूप में रहने को लेकर एक आपसी ‘मेमोरेण्डम आफ अण्डरस्टैण्डिंग’ भी तैयार कर रखा है। दोनों लड़कियों ज्योति व गिन्नी वर्मा का कहना था कि मेरठ पुलिस उनके जीवन को खतरे की जानकारी होने के बावजूद उन्हें कोई मदद नहीं कर रही है। कहा गया कि याची ज्योति के माता-पिता इस संबंध से काफी नाराज हैं।
उनका कहना है कि समाज में उनकी छवि धूमिल हो रही है। जबकि दोनों लड़कियों की अदालत से गुहार थी कि वे बालिग हैं। उन्हें आपस में रहने का मौलिक अधिकार मिला है और वे खुश भी हैं। उनका कहना था कि वर्ष 2013 से वे आपसी समझौता करके लगभग आठ वर्षों से साथ-साथ रह रहे हैं। न्यायमूर्ति विक्रमनाथ व न्यायमूर्ति एस.एस.शमशेरी ने मेरठ के एसएसपी को उनके जीवनभय को देखते हुए उनके आवेदन पर एक सप्ताह में निर्णय लेने को कहा है।
By Court Correspondence