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अलवर

भिवाड़ी यूआईटी का अभियंता जांच में पाया दोषी, अब यह होगी कार्रवाई

ठेकेदार की शिकायत पर हुई थी जांच

अलवरJul 20, 2018 / 10:54 am

Prem Pathak

Alwar : Bhiwadi UIT engineer found guilty in probe

भिवाड़ी यूआईटी का अभियंता जांच में पाया दोषी, अब यह होगी कार्रवाई

भिवाड़ी नगर विकास न्यास में फरवरी माह तक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत एक्सईएन एवं जेईएन के खिलाफ एक ठेकेदार की शिकायत में प्रस्तुत तथ्यों को नगरीय विकास एवं आवासन विभाग की ओर से प्राथमिक जांच में सही पाया गया है। चूंंकि अब भिवाड़ी नगर विकास न्यास भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डवलपमेंट ऑथरिटी बनकर उद्योग विभाग के अधीन आ गया है।
इसलिए नगरीय आवासन एवं विकास विभाग के संयुक्त शासन सचिव-द्वितीय अर्जुुनराम चौधरी ने उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को गत 5 जुलाई को पत्र लिखा है। इस संबंध में ‘यूआईटी में भ्रष्टाचार पर गाज एक्सईएन को दिखाया बाहर का रास्ताÓ शीर्षक से गत 28 फरवरी को भिवाड़ी पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसके बाद नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने यह जांच की है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र में लिखा है कि भिवाड़ी नगर विकास न्यास में पदस्थापित अभियंताओं की ओर से की गई अनियमितताओं की जांच कराई गई। जांच कमेटी में संबंधित अभियंताओं के खिलाफ शिकायतों को सही पाया गया है।यूआईटी के बीडा बनने से उसमें कार्यरत दोषी अभियंताओं के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अब उद्योग विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होने से आपके विभाग द्वारा प्रस्तावित की जानी है। प्रकरण से संबंधित मूल पत्रावली मय जांच रिपोर्ट आवश्यक कार्यवाही के लिए भिजवाई जा रही है।
15 फरवरी से जांच हुई शुरू :

संयुक्त शासन सचिव द्वितीय अर्जुनराम चौधरी के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया। टीम में नविवि मुख्यालय कोटा के मुख्य अभियंता एआर अंसारी की अध्यक्षता में न्यास कोटा के सदस्य सचिव अधिशाषी अभियंता आरके राठौड़ एवं नविवि के सहायक लेखाधिकारी राजेश कुमार शर्मा बतौर सदस्य शामिल हुए। टीम को जांच 15 फरवरी से शुरु करने के बाद एक महीने के अंदर सरकार को सौंपनी थी। इसी जांच के बीच 23 फरवरी को सरकार की ओर से अधिशाषी अभियंता को यूआईटी भिवाड़ी से कार्यमुक्त कर उनके मूल विभाग में भेजने के आदेश दिए गए। इसमें एक बड़ी बात यह थी कि कार्य मुक्त किए अभियंता जलदाय विभाग से आए थे। आखिर वह किस प्रकार सिविल कार्य करा रहे थे। यादव की कार्यमुक्ति के साथ ही उनके द्वारा देखे जा रहे सिविल कार्यों का जिम्मा न्यास ने अन्य अधिशाषी अभियंता कुमार संभव अवस्थी एवं विनीत कुमार सक्सेना को सौंपा था।
यह है मामला

वर्ष 2017 में बहरोड़ के ग्राम गूंती से ढोला की ढाणी की ओर जाने वाले रास्ते पर सीसी सड़क का निर्माण किया गया था। निर्माण कार्य जलदाय विभाग से साढ़े तीन साल पहले यूआईटी भिवाड़ी में प्रतिनियुक्ति पर आए एक्सईएन धर्मवीर यादव एवं जेईएन राजेश वर्मा देख रहे थे। राजेश वर्मा भी स्वायत्त शासन विभाग से यूआईटी भिवाड़ी में प्रतिनियुक्ति पर लगाए गए थे। राजीव एसोसिएट के संचालक बहरोड़ की शिक्षक कॉलोनी निवासी राजीव ने आरोप लगाए थे कि दोनों अधिकारी काम पूरा होने के बाद पेमेंट करने के बदले घूस मांग रहे हैं। राजीव की शिकायत पर 18 जनवरी को संयुक्त शासन सचिव राजेंद्रङ्क्षसह शेखावत ने मामले की जांच के आदेश दिए। शिकायतकर्ता ने अधिकारियों पर गलत तरीके से 10 फीसदी पेनल्टी लगाने का भी आरोप लगाया था। जिसमें सरकार ने इस बिंदु पर भी जांच के आदेश दिए थे।

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