अलवर। सरिस्का में बाघ एसटी-16 ( Alwar Sariska ST-16 Tiger ) की मौत के 8 दिन बाद वन मंत्री सुखराम विश्नोई ( Rajasthan forest minister Sukhram Vishnoi ) रविवार को जांच करने अलवर पहुंचे। वे अब तक की जांच का खुलासा करने से बचते रहे। यही नहीं मंत्री ने बाघ की मौत पर इतना तक कह दिया कि कई चीज़ें ऊपर वाले के हाथ में होती हैं, हम कंट्रोल नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि यहां अधिकारी और कर्मचारियों से बातचीत करने के बाद लगा है कि मैन पावर बढ़ाने और कर्मचारियों को आवश्यक वाहन और उपकरण उपलब्ध कराने की जरूरत है। खबर जारी है….
वन मंत्री विश्नोई से जब यह पूछा गया कि रणथंबोर से बीमार बाघ को अलवर सरिस्का में शिफ्ट कर दिया गया। यही नहीं सरिस्का में बाघ का ट्रेंकुलाइज करने के बाद कैंसर जैसी गांठ को सामान्य गांठ बताकर पल्ला झाड़ दिया गया है, इसमें चिकित्सक की गंभीर लापरवाही रही है। इस पर वन मंत्री ने यह जवाब दिया कि कई चीज ऊपर वाले के हाथ में होती है फिर भी जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि फिलहाल विशेष जांच करा रहे हैं जिसके नतीजे संभवतः एक माह में सामने आ सकेंगे, तभी पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा कि खामी कहां रह गई है। परिवार का विस्थापन का प्रयास मंत्री बिश्नोई ने कहा कि बाघ एसटी 16 की मौत वाली जगह का मौका देखा है। कर्मचारियों और ग्रामीणों से मिलकर सरिस्का में रह रहे परिवारों के विस्थापन और शिकारियों के अंदर पहुंचने से रोकने को लेकर चर्चा हुई है। इन सब विषयों पर अधिकारी और ग्रामीणों से विचार-विमर्श किया गया है। अगली बार आएंगे उससे पहले बाघ लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कोशिश करेंगे कि सरिस्का में अगली बार आएं उसे पहले नया बाग़ आए। यहां भी रणथंबोर की जगह पर्यटकों का रुझान बढे और सभी तरह की व्यवस्थाएं दुरुस्त हों इसका प्रयास करेंगे। साथ ही ये भी कोशिश होगी कि आगे बाघ नहीं मारे जाएं।
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