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अलवर

यहां चिकित्सक हड़ताल की मार से मरीज हुए बेहाल

दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहते हुए भूमिगत हुए चिकित्सकों के कारण प्रशासन की भी सांस फुल रही है। इधर पीएमओ व सीएमएचओ ने भी खड़े किए हाथ ।

अलवरDec 19, 2017 / 10:24 am

Rajiv Goyal

doctors are still on strike
मानवता होती रही शर्मसार
अलवर जिले में सेवारत चिकित्सक मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं चरमरा गई।
मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ा, वहीं पोस्टमार्टम के इंतजार में शवों की बेकद्री हुई। प्रशासन ने मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई, लेकिन यह व्यवस्था भी नाकाफी साबित हुई।
स्थिति ये थी कि चिकित्सकों के नहीं होने से पीएमओ, सीएमएचओ व डिप्टी सीएमएचओ को मोर्चरी में रखे शवों का पोस्टमार्टम करना पड़ा। शिशु चिकित्सालय में शिशुओं का उपचार नहीं हो सका। शाम तक हालात ये हो गए कि हताश प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने साफ कह दिया कि कल से वे कोई डैड बॉडी नहीं लेंगे। जो भी डैड बॉडी आएगी, उसे एसएमएस के लिए रैफर किया जाएगा। अस्पताल में एमबीबीएस चिकित्सकों के होने पर ही पोस्टमार्टम होगा।

खाली रहे वार्ड, नहीं किए मरीज भर्ती


चिकित्सकों की हड़ताल के चलते सोमवार को भी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। इससे अस्पतालों के वार्ड खाली पड़े रहे। वार्डों में जो मरीज भर्ती थे, वे भी एक-एक कर डिस्चार्ज करा चले गए। एकाध मरीज जो वार्डों में बचे, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहंी था।
प्रशासन ने निजी अस्पतालों को लिखा पत्र

हड़ताल के दौरान सामान्य चिकित्सालय में सेवाएं देने के लिए प्रशासन ने मिलिट्री हॉस्पिटल व भामाशाह से जुड़े प्राइवेट हॉस्पिटलों को पत्र लिखा है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मिलिट्री हॉस्पिटल से ५-६ चिकित्सक मांगे गए हैं। वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटलों से एक-एक चिकित्सक को सामान्य अस्पताल में सेवाएं देने को कहा गया है, लेकिन अब तक इनमें से कोई भी ड्यूटी पर नहीं आया है।
…….हम एलोपैथिक दवाइयां नहीं लिखेंगे

अलवर अस्पताल में आयुष चिकित्सकों ने एलोपैथिक दवाइयां लिखने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि वे आयुष चिकित्सक हैं और आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाइयां ही लिखेंगे। इस पर अस्पताल प्रशासन को उनकी बात माननी पड़ी। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सोमवार को सामान्य चिकित्सालय में 8 आयुष चिकित्सक व चार एसएमएस से इन्र्टनशिप करने आए चिकित्सकों ने सेवाएं दी। इस दौरान इन्र्टनशिप चिकित्सकों ने एलोपैथिक व आयुष चिकित्सकों ने आयुर्वेदिक दवाइयां लिखी।
पीएमओ व सीएमएचओ भी जा सकते हैं हड़ताल पर

सरकार ने जल्द चिकित्सक नहीं लगाए तो पीएमओ व सीएमएचओ भी हड़ताल पर जा सकते हैं। सोमवार को चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान कुछ एेसे संकेत मिले हैं। यदि एेसा हुआ तो अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा जाएंगी। सोमवार के सामान्य चिकित्सालय में पोस्टमार्टम को लेकर कुछ एेसी ही स्थितियां बनी। यहां पीएमओ, सीएमएचओ व डिप्टी सीएमएचओ ने तीन पोस्टमार्टम किए। इससे नाखुश पीएमओ ने बताया कि उन्होंने पहले कभी पोस्टमार्टम नहंी किए, लेकिन अब करने पड़ रहे हैं। उनकी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को संभालने की जिम्मेदारी है और प्रशासन उनसे पोस्टमार्टम करा रहा है।
सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए सभी संभव वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही हैं। इसी के चलते सोमवार को बैठक भी हुई, इसमें आयुष, मोबाइल वैन यूनिट, प्रोबेशनर्स, इंटर्नशिप व अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में कार्यरत चिकित्सकों को वैकल्पिक व्यवस्था में जुटने को कहा गया है। साथ ही भामाशाह योजना से जुड़े शहर के अस्पतालों के चिकित्सकों को भी मरीजों के उपचार को कहा गया है। इसके अलावा गंभीर बीमार मरीजों को मिलिट्री हॉस्पिटल में रैफर करने की व्यवस्था की गई है तथा सेना के चिकित्सकों को बुलाने के लिए स्थानीय स्तर पर सेना के मेजर जनरल से बात करने के अलावा सेना के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। सोमवार को सामान्य चिकित्सालय में 9 डॉक्टर्स मौजूद रहे तथा ओपीडी भी करीब 854 का रहा।
-राजन विशाल, जिला कलक्टर अलवर

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