कांग्रेस के अभी 99 विधायक हैं और वह सहयोगी दल के एक सदस्य के समर्थन से राज्य की सत्ता में है। यदि कांग्रेस के पक्ष में परिणाम आया तो 100 का आंकड़ा पूरा हो जाएगा। भाजपा जीतती है तो उसकी संया 73 से 74 विधायकों की हो जाएगी। दोनों दलों इस जीत को लोकसभा चुनाव में भुनाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। यही वजह है कि सत्ताधारी कांग्रेस ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी थी। मुयमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से लेकर कई मंत्री और बड़े नेता प्रचार के लिए पहुंचे।
रामगढ़ में कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां अब तक हुए 14 चुनावों में 10 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा जीती है। इनमें भी कांग्रेस से 3 बार जुबेर खान और भाजपा से 3 बार ज्ञानदेव आहूजा विधायक चुने गए हैं। 15 विधानसभा के लिए इस बार हुए चुनाव में रामगढ़ से कांग्रेस ने साफिया जुबेर व भारतीय जनता पार्टी ने सुखवंत सिंह पर दांव लगाया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जगत सिंह को टिकट दिया। एक विधानसभा क्षेत्र की मतगणना होने के कारण जिला प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कॉलेज के बाहरी हिस्से में पुलिस तैनात है। वहीं स्ट्रांग रूम के आसपास केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है।