इसी तरह सरिस्का में इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर भी पर्यटकों को लुभा रहा है। यह पक्षी म्यांमार, केरल, कर्नाटक आदि क्षेत्रों से चलकर यहां पहुंचा है। ये पक्षी गोरैया के आकार का है। इसकी संख्या में तेजी से कम हो रही है। इसकी लंबी पूंछ होती है जो सफेद रंग लिए हुए है। काली चोंच होती है। सिर पर काला मुकुट होता है। आंखें नीली चक्राकार होती है। यह भी कीड़े आदि खाकर पेट भरते है। यह 7.5 से 8.7 इंच लंबे होते है। सरिस्का के एक गाइड ने बताया कि इस बार मौसम ने साथ दिया। इसलिए ये पक्षी जल्दी आ गए। यूरेशियन पक्षी कभी कभार ही यहां आते है। इस बार आवक अच्छी हुई है। यह पर्यटकों को आनंदित कर रहे हैं। इनके वीडियो बनाए जा रहे हैं।
यूरेशियन गोल्डन ओरियल भारत में अपनी जैसी प्रजाति इंडियन गोल्डन ओरियल से मिलने आते हैं। ओरियल पूरे पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी यूरोप में हैं। इंडियन गोल्डन ओरियल भारत के उपमहाद्विपों में पाया जाता है। गोल्डन ओरियल काफी सुंदर है। इस पर जैसे ही धूप पड़ती है तो यह चमकता है। आंखों की पट्टी छोटी, रंग ज्यादा गहरा पीला व शरीर पर धारियां होती हैं। सर्दियों में यह दक्षिण भारत की ओर, पतझड़, गर्मी में सदाबहार जंगलों की ओर रुख करता है। कीड़े व जामुन इसकी पसंद हैं।