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पटवार घर पर लटका रहता है ताला, किसानों का नहीं कोई धनी-धोरी….पढ़ें यह न्यूज

पटवार घरों को लेकर तो आलम यह है कि अधिकतर पर ताला लटका मिलता है। पटवारी अपनी सुविधाओं के अनुसार तहसील या उपलखंड मुख्यालयों पर कार्यालय खोल बैठे रहते हैं।

अलवरMay 01, 2024 / 05:21 pm

Ramkaran Katariya

मालाखेड़ा. सरकार की ओर से सिस्टम का विकेन्द्रीकरण इसलिए किया गया है कि आमजन को अपने कार्य कराने में आसानी रहे। उन्हें छोटे-छोटे कार्य के लिए भी तहसील, उपखंड व जिला मुख्यालय तक जाना नहीं पड़े। ग्रामीण स्तर के कार्य ग्राम पंचायत स्तर पर ही निपटाए जा सके, लेकिन मालाखेड़ा की कई ग्राम पंचायतों में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है। विशेषकर पटवार घरों को लेकर तो आलम यह है कि अधिकतर पर ताला लटका मिलता है। पटवारी अपनी सुविधाओं के अनुसार तहसील या उपलखंड मुख्यालयों पर कार्यालय खोल बैठे रहते हैं। मालाखेड़ा उपखंड के पटवार मुख्यालय ढाकपुरी पर भी ऐसे ही हालात बने हुए है। मालाखेड़ा तहसील के अधीन पंचायत मुख्यालय पर पटवार घर बने होने के बाद भी संबंधित क्षेत्र के कई पटवारी मुख्यालय पर नहीं पहुंचते हैं, जिसके चलते किसानों, विद्यार्थी सहित अन्य जरूरतमंद को जन्म-मृत्यु, पालनहार, विवाह पंजीयन, किसान क्रेडिट कार्ड, विद्युत कनेक्शन की पत्रावली सहित अन्य राजस्व कार्य के लिए मालाखेड़ा जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
राजस्व मंडल अजमेर के निर्देश के अनुसार पटवारियों को पंचायत मुख्यालय पर मौजूद रहना जरूरी है। तहसीलदार, उपखंड अधिकारी के बुलाने पर वह मालाखेड़ा उपखंड पर राजस्व कार्य के लिए जा सकते हैं, जबकि मालाखेड़ा में इस नियम की धज्जियां बहुत से पटवारी उड़ा रहे हैं। पंचायत मुख्यालय पर पटवारी केवल सरपंच व पंचायत की पाक्षिक बैठक में बुलाने पर ही पहुंचते हैं। ऐसे में 15 दिन में एक बार जाने पर वहां के लोगों का काम नहीं हो सकता है। उन्हें मालाखेड़ा पटवारी जहां बैठता है, वहां चक्कर काटने पड़ते हैं।
हालात बदहाल

ग्राम पंचायत मुख्यालय ढाकपुरी में किसानों के हित के लिए भू-अभिलेख सेवा केंद्र का निर्माण सरकार ने कराया, लेकिन उसकी दशा और दिशा बर्बादी के कगार पर है। केंद्र पर ताला लटका रहता है। साफ-सफाई भी नहीं है। यहां पूर्व के नियुक्त पटवारी का नाम तो लिखा हुआ है, लेकिन पड़ोस के ही लोगों ने इस कार्यालय को अपना घर समझ कर बरामदे में ईंधन डाल रखा है। इस सरकारी भवन के आसपास भी अतिक्रमण का बोलबाला है।
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30 ग्राम पंचायत, 101 से अधिक राजस्व गांव

तहसील मालाखेड़ा में पटवार मण्डल 21, पटवारी 18, ग्राम पंचायत 30 है। प्रतिदिन जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन 8 से 10, जाति प्रमाण पत्र के 60 से 70, किसान क्रेडिट कार्ड के 4 से 5 आवेदन प्राप्त होते हैं। मालाखेड़ाउपखण्ड की जनसंख्या करीब 1 लाख 55 हजार 562 (2011 की जनगणना के अनुसार) है। यहां गांवों की संख्या 101 है। 2021 में परिसीमन के बाद जनसंख्या सवा दो लाख के करीब हो गई। तीन पटवार मंडल रिक्त चल रहे हैं।
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विभागीय कार्रवाई की जाएगी

पटवारी को पटवार मुख्यालय पर रहने का निर्देश है। तहसीलदार या उपखंड अधिकारी के बुलाने पर ही उन्हें मुख्यालय छोड़ने चाहिए। इस प्रकार से अब पटवारी पटवार मुख्यालय पर उपस्थित नहीं मिलेंगे तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
देवी सिंह, उपखंड अधिकारी मालाखेड़ा।

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