30 दिन में हुए थे 60 हजार आवेदन, सभी अटके अप्रेल-मई 2018 में महज 30 दिन के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल खुला था। एक साल लोगों ने आवेदन किए थे। जिले से करीब 60 हजार से ज्यादा आवेदन किए गए थे, जिसमें लघु एवं सीमांत किसानों के भी करीब 8 हजार बताए जा रहे हैं। आवेदन के बाद इन किसानों की सत्यापन रिपोर्ट संबंधित एसडीएम कार्यालयों से लेनी थी लेकिन विभाग ने उस दौरान दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके कारण पोर्टल पर अपडेशन नहीं हो पाया और इनके राशन कार्ड नहीं बन पाए। पोर्टल बंद है। कब खुलेगा, किसी को पता नहीं। किसान आज भी एसडीएम कार्यालयों से लेकर रसद विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
परिवार में सदस्य ज्यादा, कैसे हो गुजारा मालाखेड़ा के किसान रतीराम चौधरी के पास 2 बीघा जमीन है। परिवार में 6 सदस्य हैं। आय का साधन केवल जमीन ही है। इन्होंने वर्ष 2018 में राशन कार्ड के लिए आवेदन किया था। बोले- आज तक राशन कार्ड नहीं बन पाया। सत्यापन के लिए भी उनके पास कोई नहीं पहुंचा। रैणी के किसान रोहिताश कुमार ने भी आवेदन किया था। ये भी अब तक राशन कार्ड का ही इंतजार कर रहे हैं। कहते हैं कि 3 बीघा जमीन है। परिवार में सदस्य ज्यादा है। बमुश्किल खर्च चल पाता है। राशन कार्ड होता तो अनाज मिल जाता।
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फैक्ट फाइल : कुल परिवार : 5.54 लाख लाभार्थी : 23.46 लाख अप्रेल-मई 2018 में किए गए आवेदन : 60 हजार भूमिहीन किसानों के आवेदन : करीब 2 हजार सबसे ज्यादा लाभार्थी : थानागाजी 1.85 लाख
सबसे कम लाभार्थी : बड़ौदामेव 7001 डीलर : 1260 योजना का पोर्टल कब हुआ बंद : जून 2018 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का पोर्टल बंद होने के कारण लघु एवं सीमांत किसानों के राशन कार्ड नहीं बन पाए। सत्यापन भी तभी हो पाएगा।
– मान सिंह, डीएसओ, अलवर