कोर्ट परिसर में बोगस ग्राहक बनकर दलाल से सम्पर्क कर पेशेवर जमानतियों को बुलाया। इसके बाद दो पेशेवर जमानती और तीन दलालों से बातचीत की। बोगस ग्राहक बनकर अलग-अलग मामलों में जमानत देने के लिए उनसे बातचीत की। वे पैसे लेकर जमानत देने को तैयार हो गए। उनकी सभी की बातों को मोबाइल में रिकॉर्ड किया तथा जमानत के लिए सौदेबाजी करते हुए उनके फोटो और वीडियो भी कैमरे में कैद किए गए।
नियमानुसार न्यायालय में जमानत वही व्यक्ति दे सकता है, जो कि उस व्यक्ति (जिसकी वह जमानत दे रहा है) की जात खास से परिचित हो, उसको भलीभांति जानता हो एवं न्यायालय के आदेश के मुताबिक संतोष प्रद हो। लेकिन ये पेशेवर जमानती बिना किसी को जाने-पहचाने ही पैसे लेकर उसकी जमानत देने को तैयार हो जाते हैं।
पेशेवर जमानती केस के हिसाब से पैसे वसूलते हैं। एमवी एक्ट में वाहन छुड़ाने व सामान्य मारपीट मामलों में जमानत देने के ५०० रुपए तक लेते हैं। दहेज व छेड़छाड़ आदि के मामलों में जमानत देने के ८०० से १००० रुपए तक ले लेते हैं। लूट, डकैती, दुष्कर्म, हत्या के प्रयास, हत्या के मामलों में तस्दीकशुदा जमानत या फिर पैरोल की जमानत के पांच से दस हजार रुपए तक वसूलते हैं।
बोगस ग्राहक – हमारी मोटरसाइकिल थाने में जब्त है, उसकी जमानती देनी है।
पेशेवर जमानती – दे देंगे।, कौनसी कोर्ट का मामला है?
बोगस ग्राहक – अरावली विहार थाने का मामला है, देख लो कौनसी कोर्ट लगेगी।
जमानती – चार नम्बर कोर्ट लगेगी।
बोगस ग्राहक – जमानत के कितने रुपए लगेंगे?
जमानती – ५०० रुपए लगेंगे
बोगस ग्राहक – ५०० रुपए में सब काम हो जाएगा।
जमानती – ५०० रुपए के अलावा १००-२०० रुपए अंदर देने पड़ेंगे।
बोगस ग्राहक – कागज कौन चैक करता है?
जमानती – वो हमें जानता है। उसे १०० रुपए देेने पड़ेंगे।
बोगस ग्राहक – कोई दिक्कत तो नहीं आएगी।
जमानती – अंदर १०० का नोट देना में कोई दिक्कत नहीं आएगी। सब हम पर छोड़ दो।
बोगस ग्राहक – वो १०० रुपए अंदर तुम दोगे या हम देंगे?
जमानती – तुम ही देना, वैसे हम सेटिंग करा देंगे। या हमें दे देना हम अंदर दे देंगे।
बोगस ग्राहक – आपकी आईडी की जरुरत पड़ेगी, क्या नाम है आप दोनों का?
जमानती – राजेन्द्र सिंह और राजपाल सिंह
बोगस ग्राहक – वैसे एक और मामला है, उसमें भी जमानती देनी है।
जमानती – कहां का मामला है?
बोगस ग्राहक – महिला थाने का मामला है। मेरे साथ एक बंदा जॉब करता है उसका **** दहेज केस में बंद है। उसकी जमानत देनी है।
जमानती – ७००-८०० रुपए दे देना। बड़ी कोर्ट है। १५० रुपए अंदर देने पड़ेंगे।
बोगस ग्राहक – अंदर १५० रुपए देन पड़ेंगे?
जमानती – वो १५० रुपए तो उनके है ही। वो हर किसी से लेते हैं। औरों ५० रुपए लेते हैं और हमसे १०० रुपए लेते हैं।
बोगस ग्राहक – राजेन्द्र भाई आप तो दहेज केस में जमानत दे देना और राजपाल भाई आप मोटरसाइकिल के मामले में जमानत दे देना।
जमानती – ठीक है, ऑर्डर करा लाओ।
दलाल से बातचीत की रिकॉर्डिंग।
बोगस ग्राहक – एक जमानती करानी है, कितने रुपए लगेंगे?
दलाल – एक हजार रुपए लगेंगे।
बोगस ग्राहक – पैसे तो ज्यादा मांग रहे हो।
दलाल – ज्यादा नहीं है। २० से ५० हजार रुपए तक की जमानत देनी पड़ती है तो गाड़ी की आरसी या जमीन की जमाबंदी लगानी पड़ती है।
बोगस ग्राहक – सही खर्चा बताओ।
दलाल – देखो ऐसा है ५०० रुपए तो लगेंगे जमानत के और २०० रुपए मेरे हैं।
बोगस ग्राहक – किससे जमानत कराओगे?
दलाल – कई जमानती है किसी से भी करा देंगे।
बोगस ग्राहक – क्या नाम है आपका?
दलाल – लछमी
बोगस ग्राहक – ये चाय की दुकान आपकी ही है।
दलाल – हां, मेरी ही है।
बोगस ग्राहक – कुल कितने रुपए में काम हो जाएगा?
दलाल – ८०० रुपए में पूरा काम हो जाएगा।
कोर्ट में किसी जान-पहचान वाले व्यक्ति की जमानत दी जाती है। यदि कोई व्यक्ति पैसे लेकर किसी अंजान व्यक्ति की जमानत दे रहा है या फिर एक ही दस्तावेज का बार-बार जमानत देने में इस्तेमाल कर रहा है तो वह गैर कानूनी है। इसमें न्यायालय द्वारा उचित सजा का भी प्रावधान है।
विनोद कुमार शर्मा, लोक अभियोजक, अलवर
पेशेवर फर्जी जमानतियों के सम्बन्ध में पुलिस को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि इनके खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो पुलिस द्वारा विधि अनुरूप उचित कार्रवाई की जाएगी।
राहुल प्रकाश, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर