scriptराजस्थान में किसानों की बढ़ी चिंता, बिजली के बाद गहराया ये नया संकट | Worries of farmers due to Fertilizer crisis in Rajasthan availability of fertilizer is zero in Dungarpur and Rajsamand districts | Patrika News
अलवर

राजस्थान में किसानों की बढ़ी चिंता, बिजली के बाद गहराया ये नया संकट

प्रदेश में खरीफ सीजन की बुवाई शुरू हो गई है, लेकिन सहकारिता समितियों में डीएपी खाद की किल्लत है। अलवर जिले की सभी सहकारिता समितियों में डीएपी खाद 5 हजार 451 मीट्रिक टन है।

अलवरMay 04, 2024 / 11:51 am

Kirti Verma

प्रदेश में खरीफ सीजन की बुवाई शुरू हो गई है, लेकिन सहकारिता समितियों में डीएपी खाद की किल्लत है। किसानों को भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। डूंगरपुर और राजसमंद जिलों में खाद की उपलब्धता शून्य है। कपास की बुवाई करने वाले किसान दुकानों से खाद खरीद रहे हैं। आगामी दिनों में बाजार, ज्वार, मक्का, उड़द और अन्य फसलों के लिए भी खाद की आवश्यकता होगी। हालांकि सहकारिता समितियों के पास खाद का स्टॉक आवश्यकता से अधिक मात्रा में है। अलवर जिले की सभी सहकारिता समितियों में डीएपी खाद 5 हजार 451 मीट्रिक टन है।

इन क्षेत्रों में होती है कपास की खेती

अलवर जिले में कम पानी वाले क्षेत्रों में कपास खेती की बुवाई नहीं की जाती है, लेकिन फिर भी 22 हजार 314 हेक्टेयर रकबे पर कपास की बुवाई की जाती है। जिले में नौगांवा, मालाखेड़ा, लक्ष्मणगढ़, बड़ौदामेव, गोविन्दगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रमुखता से इसकी बुवाई की जाती है। इसके साथ ही कम पानी वाले क्षेत्रों में राजगढ़ में 14 हेक्टर, कठूमर में 29 हेक्टेयर और प्रतापगढ, रैणी, टहला, थानागाजी में नाम मात्र कपास की बुवाई की जाती है।
यह भी पढ़ें : अंगों की खरीद-फरोख्त मामले में बड़ा खुलासा, 30 लाख में सौदा, हॉस्पिटल तक पहुंचती थी 10 लाख की बंधी

जिलेवार खाद की स्थिति

चित्तौड़गढ में 23, चूरू में 17, सवाई माधोपुर में 50, टोंक में 71, धौलपुर में 15, जालोर में 120 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। इसी प्रकार करौली में 25, प्रतापगढ़ में 130, श्रीगंगानगर में 633, भरतपुर में 181, बाड़मेर में 130, कोटा में 112, पाली में 144, जोधपुर में 280, हनुमानगढ़ में 432, उदयपुर में 132, अजमेर में 127 और जयपुर जिले में 3 हजार 352 मीट्रिक टन खाद वर्तमान में मौजूद है।
जिले में डीएपी खाद के लिए रेक लगाई गई है, जल्द जिले की सहकारिता समितियों में डीएपी खाद की उपलब्धता होगी।
जितेन्द्र फौजदार, कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार, जिला परिषद, अलवर

Hindi News/ Alwar / राजस्थान में किसानों की बढ़ी चिंता, बिजली के बाद गहराया ये नया संकट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो