script20 करोड़ रुपए सम्पत्ति कर वसूलना अंबाला नगर परिषद के लिए चुनौती बना | Recovery of 20 crores became a challenge for Ambala Municipal Council | Patrika News
अंबाला

20 करोड़ रुपए सम्पत्ति कर वसूलना अंबाला नगर परिषद के लिए चुनौती बना

( Amabala News ) नगर परिषद ( Ambala Municipal Council ) सम्पत्ति कर के रूप मे बकाया करीब 20 ( Challenge of recovery ) करोड़ की राशि वसूलने में नाकामयाब रहा है। यह राशि शहर की सार्वजनिक-निजी संस्थाओं, व्यापारियों और सरकारी दफ्तरों पर सालों से बकाया चली आ रही है।

अंबालाMar 09, 2020 / 05:30 pm

Yogendra Yogi

20 करोड़ रुपए सम्पत्ति कर वसूलना अंबाला नगर परिषद के लिए चुनौती बना

20 करोड़ रुपए सम्पत्ति कर वसूलना अंबाला नगर परिषद के लिए चुनौती बना

अंबाला: ( Amabala News ) नगर परिषद ( Ambala Municipal Council ) सम्पत्ति कर के रूप मे बकाया करीब 20 ( Challenge of recovery ) करोड़ की राशि वसूलने में नाकामयाब रहा है। यह राशि शहर की सार्वजनिक-निजी संस्थाओं, व्यापारियों और सरकारी दफ्तरों पर सालों से बकाया चली आ रही है। आश्चर्य की बात तो यह क्षेत्र स्थानीय एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज का है। बकाया राशि वसूल नहीं होने की एक वजह यह भी मानी जा रही है कि मंत्री का निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण टैक्स वसूल की कार्रवाई से कहीं नाराजगी का सामना नहीं करना पड़े। यह निश्चित है कि यदि परिषद इस वसूल के लिए सख्ती दिखाता है तो फरियादी मंत्री के पास गुहार लगाने पहुंचेंगे। ऐसे में वसूली अधिकारियों की हालत पानी में रहकर मगर से बैर वाली हो गई है। एक तरफ मंत्री का डर और दूसरी तरफ करोड़ों बकाया होने से परिषद की पतली होती हालत।

फीनिक्स से वसूल 27 लाख
हालांकि हाल ही में फीनिक्स क्लब को ताला लगाकर नगर परिषद ने 27 लाख रुपये की रिकवरी की है। इस रिकवरी से नगर परिषद के अधिकारियों के हौसले बढ़ गए हैं कि सीलिग ही रिकवरी का रास्ता है। यही कारण है कि अब जिन लोगों पर बकाया है उनके लिए नोटिस तैयार किए जा रहे हैं। जिन पर भारी-भरकम टैक्स बकाया है, इनमें अंबाला छावनी के ट्रस्ट, नेता, बड़े कारोबारी, सरकारी विभाग शिक्षण संस्थान, आदि शामिल हैं। नगर परिषद ने जब इन लोगों के बकाये की सूची तैयार की, तो आंकड़ा बीस करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया।

सख्ती करने का दावा
हालांकि दावा किया जा रहा है कि रिकवरी के लिए सख्ती की जाएगी। लिस्ट पर नजर मारें, तो यह काफी लंबी है, जिनमें सालों से प्रापर्टी टैक्स बकाया चल रहा है। इस पर लाखों रुपये का तो ब्याज भी चढ़ चुका है, जिसके चलते वसूली योग्य राशि बहुत ज्यादा हो चुकी है। नगर परिषद की लिस्ट में कई नामी कारोबारियों के नाम तो हैं साथ ही करोड़ों रुपये का बकाया टैक्स न भरने वाले सरकारी विभाग भी हैं। ऐसे में अब नगर परिषद के लिए यह रिकवरी आसान नहीं होगी। ऐसे में नगर परिषद की राह भी आसान नहीं दिख रही है, जबकि बकाया वसूलने में पसीने छूटेंगे।

सरकारी-गैरसरकारी पर बकाया
सालों से बकाया यह टैक्स लगातार बढ़ रहा है, लेकिन विभाग द्वारा यह नगर परिषद में जमा ही नहीं कराया गया। अब नगर परिषद इसको लेकर गंभीर है और सख्ती से इसकी वसूली की तैयारी में है। नोटिस भी किए जा रहे हैं।
प्रॉपर्टी टैक्स के मामले में आम जनता सहित कारोबारी तो हैं साथ ही सरकारी कार्यालय तक नगर परिषद के बकायेदार हैं। इनमें राज्य सरकार की अधीन आने वाले कार्यालय, सरकारी स्कूल तो शामिल हैं, साथ ही वक्फ बोर्ड जिन प्रॉपर्टी का मालिक है, उन पर भी लाखों रुपये का प्रापर्टी टैक्स बकाया है।

31 मार्च तक वसूली लक्ष्य
नगर परिषद ने 31 मार्च 2020 तक का सम्पत्ति कर की बकाया राशि को वसवूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हाल ही में फिनिक्स क्लब में ताला जडऩे के आधे घंटे में ही लाखों का बकाया राशि मिलने से वसूल अधिकारियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। अब अन्य बकायादारों से करोड़ों की यह वसूली तय समय में पूरा करने के लिए नगर परिषद के अफसर भी सख्त हो गए हैं। बकायादारों से करोड़ों का सम्पत्ति वसूलने के लिए नोटिस तैयार किए जा रहे हैं। नोटिस के बाद भी बकाया राशि नहीं चुकाने वालों के लिए महंगा सौदा साबित होगा। परिषद अगली कार्रवाई उनके खिलाफ सम्पत्ति की सीलिंग की करेगा।

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