इसकी शिकायत पीडि़त ने एसीबी (Anti Corruption Bureau) से की थी। शिकायत के बाद एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों धरदबोचा। एसीबी की टीम द्वारा पटवारी के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।
शासकीय विभागों में पदस्थ कई अधिकारी-कर्मचारी आम जनता का काम बिना रिश्वत लिए नहीं करते हैं, जबकि शासन ने उन्हें इस पद पर इसलिए ही बैठाया होता है कि वे जनता व शासकीय योजनाओं का काम करेंगे। इसके बदले शासन द्वारा उन्हें मोटा वेतन का भुगतान किया जाता है। (ACB arrested Patwari)
इसके बाद भी ऐसे लोग बिना रिश्वत काम करने से गुरेज करते हैं। वहीं रिश्वत लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने शासन द्वारा एसीबी की टीम भी बनाई गई है। इनके द्वारा पीडि़त की शिकायत पर कार्रवाई की जाती है। ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले के बरियों चौकी क्षेत्र से आया है।
बरियों के हल्का नंबर 26 में पदस्थ ग्राम भेस्की निवासी पटवारी अमित गुप्ता ने जमीन नामांतरण के बदले अपने गांव के ही सियाराम गुप्ता से 50 हजार रुपए की डिमांड की थी। सियाराम ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो पटवारी ने बिना रिश्वत लिए काम करने से मना कर दिया। फिर किसी तरह मामला 40 हजार पर शटल हुआ।
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40 हजार रुपए लेकर पहुंचा था सियाराम
इधर पटवारी को सबक सिखाने सियाराम ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर में की। शिकायत पर एसीबी की टीम ने पटवारी को रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकडऩे की योजना बनाई। योजना के अनुसार सियाराम बघिमा स्थित ढाबे के पास 40 हजार रुपए लेकर पहुंचा।
उसने वहां पटवारी (Patwari) को जैसे ही केमिकल लगे 40 हजार थमाए, वहां मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीबी की टीम द्वारा पटवारी के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।