धान खरीदी नहीं किए जाने से नाराज किसानों ने सडक़ पर करीब 10 क्विंटल धान को फेंककर आग (Fire in paddy) लगा दी। सूचना पर खरीदी केंद्र पहुंचीं तहसीलदार गरिमा ठाकुर ने पहले किसानों को समझाने का प्रयास किया, बाद में टोकन लेकर चली गईं।
धान खरीदी केन्द्र सिलफिली में धान खरीदी के लिए किसानों को टोकन जारी किया गया था। इसके बावजूद समिति प्रबंधक द्वारा धान खरीदी किए जाने से इंकार किया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर भाजपा प्रदेश महामंत्री भारत सिंह सिसोदिया के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने पहुंचकर विरोध जताया।
केंद्र में ऐसे 45 किसानों का धान नही खरीदा गया। इस विषय पर बात करने पर अधिकारियों द्वारा किसानों को यह कहा गया कि जब तक उपर के अधिकारी नहीं बोलेंगे तब तक धान खरीदी नही होगी। इसके विरोध में आक्रोशित किसानों द्वारा नेशनल हाइवे को जाम कर १० क्विंटल धान सडक़ पर फेंक कर उसमें आग लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि राज्य में सरकार बनने से पूर्व कांग्रेस ने हाथ में गंगाजल रखकर कसम खाई थी कि किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेंगे। अब प्रदेश के किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। प्रदेश का अन्नदाता परेशान है और यह अन्नदाता के मेहनत का अपमान है।
किसान परेशान है और कर्ज में है। सरकार ने किसानों की धान खरीदने से साफ इंकार कर दिया है। किसानों से जबरन उनके रकबे को समर्पण के रूप में एवं गिरदावली के आधार पर कम किया जा रहा है।
इस दौरान जिला मंत्री आकाश गुप्ता, अनूप सिन्हा, सर्वेश तिवारी, अंशुल श्रीवास्तव, राजेश कुशवाहा, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी राजवाड़े, धीरज विश्वास, रविन्द्र भारती, अनिल विश्वकर्मा, विनय बछोड़, अर्जुन कुशवाहा व जगदीश कुशवाहा सहित काफी संख्या में किसान उपस्थित थे।
डॉ. रमन के शासनकाल में नहीं था ऐसा
किसान नेता सिसोदिया ने कहा कि डॉ. रमन सिंह कि 15 वर्ष के शासनकाल में किसानों को इतना परेशान नही होना पड़ा था। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे किसानों ने धान की नहीं बल्कि गांजे, अफीम की खेती की है। पहले किसानों की आत्महत्या की खबर मिलती थी परन्तु इस सरकार में पटवारी दबाव में आकर आत्महत्या करने को मजबूर हो गये है, क्योंकि पटवारी अपने काम को छोडक़र किसानों की धान जांच करने में लगाये गये हैं।
सडक़ पर धान रखकर किया आग के हवाले
धान खरीदने से इंकार किए जाने पर बिक्री करने के लिए लाया गया करीब 10 क्विंटल धान सडक़ पर फेंककर किसानों ने आग लगा दी। इस दौरान किसानों ने नेशनल हाइवे पर विरोध प्रदर्शन भी किया। किसानों का कहना था कि कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिन्हें अब तक टोकन नहीं दिया गया है। टोकन नहीं मिलने से वे अंतिम समय में धान नहीं बेच पाएंगे।
धान खरीदने से इंकार किए जाने पर बिक्री करने के लिए लाया गया करीब 10 क्विंटल धान सडक़ पर फेंककर किसानों ने आग लगा दी। इस दौरान किसानों ने नेशनल हाइवे पर विरोध प्रदर्शन भी किया। किसानों का कहना था कि कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिन्हें अब तक टोकन नहीं दिया गया है। टोकन नहीं मिलने से वे अंतिम समय में धान नहीं बेच पाएंगे।
किसानों ने एनएच पर किया चक्काजाम
इधर जयनगर धान खरीदी केंद्र में किसानों का धान ना खरीदें जाने से नाराज किसानों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने समिति के सामने स्थित एनएच पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। समिति में कुरुवां, कुंजनगर, आमगांव, जयनगर, केशवनगर व गोपालपुर के किसानों की धान खरीदी की जाती है। परंतु इन दिनों समिति प्रबंधन द्वारा किसानों को टोकन देने के बाद भी धान नहीं खरीदने के तानाशाही निर्णय से नाराज समिति के सामने ही किसानों ने उग्र आंदोलन किया। किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों के विरोध प्रदर्शन से काफी देर तक आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। किसानों का आरोप था कि समिति प्रबंधन द्वारा टोकन तो दिया गया है पर यह कहते हुए धान नहीं खरीद रही है की टोकन गलती से डबल कट गया है।
इधर जयनगर धान खरीदी केंद्र में किसानों का धान ना खरीदें जाने से नाराज किसानों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने समिति के सामने स्थित एनएच पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। समिति में कुरुवां, कुंजनगर, आमगांव, जयनगर, केशवनगर व गोपालपुर के किसानों की धान खरीदी की जाती है। परंतु इन दिनों समिति प्रबंधन द्वारा किसानों को टोकन देने के बाद भी धान नहीं खरीदने के तानाशाही निर्णय से नाराज समिति के सामने ही किसानों ने उग्र आंदोलन किया। किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों के विरोध प्रदर्शन से काफी देर तक आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। किसानों का आरोप था कि समिति प्रबंधन द्वारा टोकन तो दिया गया है पर यह कहते हुए धान नहीं खरीद रही है की टोकन गलती से डबल कट गया है।
ऐसा ऊपर से आदेश है। प्रबंधन के इस तानाशाह निर्णय से धान बेचने आए किसान उग्र हो गए। भाजपा नेता सत्यनारायण जायसवाल, देवधन बिंझिया, सत्येंद्र राजवाड़े, विक्रम राम सहित किसान ने कहा कि डबल टोकन हो या पांच टोकन हो, संपूर्ण धान खरीदने का आदेश है और उसे खरीदना पड़ेगा।
इस आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद नायब तहसीलदार गरिमा ठाकुर ने तत्काल मौके पर पहुंच किसानों को समझाइश दी। उन्होंने कहा कि सभी किसानों का धान खरीदा जाएगा तथा अपने मातहत राजस्व अधिकारियों एवं पटवारियों को निर्देशित किया कि वे समिति द्वारा काटे गए टोकन का सत्यापन करें और किसानों के धान को खरीदें। इसके बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त किया।