scriptपैर के जख्म का इलाज कराने आए युवक की मौत, निजी अस्पताल में जमकर मचा बवाल | ruckus: Death of a young man who came for treatment of foot wound | Patrika News
अंबिकापुर

पैर के जख्म का इलाज कराने आए युवक की मौत, निजी अस्पताल में जमकर मचा बवाल

Ruckus: परिजन का आरोप- अस्पताल (Private hospital) पहुंचने तक ठीक था युवक, 4 इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़ी तबियत, हंगामे की सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे, डॉक्टर ने कहा- कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) से हुई मौत

अंबिकापुरJan 25, 2022 / 06:46 pm

rampravesh vishwakarma

gayatri_hospital.jpg
अंबिकापुर. Ruckus: पैर में जख्म होने की शिकायत पर एक युवक को इलाज के लिए शहर के बनारस रोड स्थित गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान सोमवार की सुबह मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजन का आरोप है कि युवक को पैर में जख्म था और उसका स्वास्थ्य ठीक था अचानक उसकी मौत कैसे हो गई। वहीं इलाज कर रहे चिकित्सक रितेश गुप्ता का कहना है कि युवक नशेड़ी प्रवृत्ति का था। रविवार की रात तक ठीक था। अचानक तबियत बिगडऩे पर उसे शहर के एकता अस्पताल में आईसीयू में लाया गया। तब तक उसकी मौत (Young man death) हो गई। मौत का कारण चिकित्सक ने हृदयाघात बताया है। वहीं सुबह 8 बजे से मृतक का शव एकता अस्पताल में पड़ा था। परिजन शव लेने से इंकार कर रहे थे। काफी समझाइश के बाद परिजन शव का पीएम कराने को लेकर राजी हुए। संभवत: शव का पीएम मंगलवार को कराया जाएगा।

सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सतपता निवासी विनोद सोनवानी पिता पितांबर सोनवानी उम्र २८ वर्ष कुछ दिन पूर्व उसके पैर में चोट लगने से जख्म हो गया था। परिजन ने उसे इलाज के लिए शहर के बनारास मार्ग पर स्थित गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया था। उसका इलाज गायत्री अस्पताल के संचालक डॉ. रितेश गुप्ता की निगरानी में चल रही थी। रविवार की रात तक विनोद की स्थिति नॉर्मल थी।
परिजन का कहना है कि रात को उसे चार इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद से उसकी तबियत बिगड़ गई। सोमवार की अल सुबह चिकित्सक द्वारा अस्पताल में उसका इसीजी कराया गया, रिपोर्ट में इसीजी डेड बताया। इसके बाद डॉ. रितेश गुप्ता मरीज को उसके पिता व मां के साथ गंभीर स्थिति में एकता अस्पताल ले गए। यहां जांच के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया।

एकता अस्पताल में शाम तक पड़ा रहा शव
युवक की मौत के बाद परिजन में आक्रोश है। गायत्री अस्पताल के बाहर परिजन काफी संख्या में सुबह से खड़े रहे। मृतक के भाई का कहना था कि मैंने अपने भाई को इलाज के लिए गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे एकता अस्पताल में क्यों ले जाया गया। परिजन ने शव लेने से इंकार कर दिया।
gayatri_hospital1.jpg
सुबह से शाम तक शव एकता अस्पताल में ही पड़ा रहा। इधर सूचना पर गांधीनगर पुलिस ने भी गायत्री अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की और परिजन को शव का पीएम कराने की बात कही। काफी समझाइश के बाद परिजन शव का पीएम कराने के लिए राजी हुए। संभवत: शव का पीएम मंगलवार को कराया जाएगा।

दूसरे अस्पताल में ले जाने की क्या जरूरत
मृतक के पिता पितांबर सोनवानी व भाई मनोज सोनवानी ने आरोप लगाया है कि पैर के जख्म होने पर उसे भर्ती कराया गया था। उसकी तबियत भी ठीक थी। अचानक उसकी मौत कैसे हो गई। परिजन ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजन का कहना है कि उसे गायत्री अस्पताल से एकता अस्पताल क्यों ले जाया गया।

परिजन पर मारपीट का आरोप
गायत्री अस्पताल के संचालक डॉ. रितेश गुप्ता ने बताया कि परीजन काफी आक्रोशित थे। उन्होंने अस्पताल में घुसकर कर्मचारियों के साथ मारपीट भी किया है। परिजन द्वारा महिला स्टाफ के साथ भी दुव्र्यवाहर किया गया है। इस मामले की शिकायत गांधीनगर थाने में की गई है। पुलिस का कहना है कि मारपीट की शिकायत मिली है। अब तक अपराध दर्ज नहीं कराया गया है।

यह भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 घंटे में 4 नवजातों की मौत, परिजनों ने किया हंगामा


परिजन के डर से एकता अस्पताल में रूके रहे डॉक्टर
इधर परिजन के डर से गायत्री अस्पताल के संचालक डॉ. रितेश गुप्ता एकता अस्पताल में ही दोपहर तक रूके रहे। डॉक्टर रितेश गुप्ता का कहना है कि मरीज को 19 जनवरी को भर्ती कराया गया था। उसके पैर में जख्म था और मवाद भरा हुआ था। रविवार की रात तक मरीज पूरी तरह स्वस्थ था।
डॉक्टर का कहना है कि मरीज का इलाज मेरे अस्पताल में पिछले एक वर्ष से चल रहा है। वह हर तरह का नश का आदी था। उसे कई बार बाहर इलाज कराने की सलाह दी गई थी। डॉ. रितेश गुप्ता का कहना है कि हम लोग नहीं चाहते की किसी मरीज की मौत हो। विनोद की स्थिति ठीक थी। अचानक उसकी तबियत बिगड़ जाने पर उसे आईसीयू में भर्ती कराने एकता अस्पताल में लाया गया था। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मौत का कारण चिकित्सक ने हृदयाघात बताया है।

यह भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निजी संस्थानों के बिचौलिए सक्रिय, नर्सों की मिलीभगत, पकड़ी गई थी नर्सिंग की छात्रा


मानक के अनुसार नहीं चल रहे निजी अस्पताल
अंबिकापुर शहर में हर गली-मोहल्ले में निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। छोटे से भवन में भी लोग अस्पताल चला रहे हैं। उनके पास गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्था है या नहीं, इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं की जाती है।
गायत्री अस्पताल भी एक छोटे से भवन में संचालित है। उक्त अस्पताल में आईसीयू व अन्य जीवन रक्षक उपकरण नहीं हैं। इसके बावजूद भी गंभीर मरीज को भर्ती किया जाता है। स्थिति बिगडऩे पर मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाया जाता है तब तक उसकी स्थिति और बिगड़ जाती है।

Home / Ambikapur / पैर के जख्म का इलाज कराने आए युवक की मौत, निजी अस्पताल में जमकर मचा बवाल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो