बलरामपुर जिले के कुसमी थाना क्षेत्र के ग्राम परसा निवासी शीतल मुंडा की 7 वर्षीय बेटी का जन्म के कुछ दिन बाद से ही एक साइड का जबड़ा फूलना शुरु हो गया था। परिजन उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे थे। पहले यहां शिशु रोड विशेषज्ञ द्वारा इलाज किया गया पर जबड़े में कोई फर्क नहीं पड़ा।
इतने कम उम्र के बच्ची का ऑपरेशन कर पाना चिकित्सकों के लिए काफी कठिन था। पिर भी मासूम बच्ची की जान बचाने के लिए चिकित्सकों ने जोखिम उठाया और उसका सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद बच्ची को ६ दिनों तक विशेष निगरानी में आईसीयू में रखा गया था। चिकित्सक के अनुसार अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
चेहरा न बिगड़े, इसका रखा गया खास ध्यान
चिकित्सक डॉ. अभिषेक हरीश ने बताया कि बच्ची के जबड़े में 3-4 सेमी का ट्यूमर था। अगर बच्ची के गाल के ऊपरी हिस्से को काट कर निकालते तो उसका चेहरा खराब हो सकता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों ने गाल के अंदर से ऑपरेशन कर ट्यूमर निकाला है। इससे बच्ची के चेहरे को नुकसान नहीं पहुंचा है।
जांच के लिए बाहर भेजा गया अवशेष
डॉ. अभिषेक ने बताया कि इतने कम उम्र के बच्चे में काफी कम लोगों में ट्यूमर पाया जाता है। बच्ची के ट्यूमर के अवशेष को उसके कारण जानने जांच के लिए बाहर भेजा गया है।