पहले कोर्ट ने दी थी राहत
इससे पहले ब्राजील की सर्वोच्च अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को राहत दी थी। लेकिन कुछ जजों ने उनकी रिहाई पर अड़ंगा लगा दिया था। न्यायाधीश जाओ प्रेडो गेब्रान नेटो ने लूला की रिहाई के आदेश को रद्द करने के लिए आदेश जारी किया था। गेब्रान नेटो ने अपने आदेश में लिखा, ‘मैं मानता हूं कि पराना की संघीय पुलिस ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगी जिससे कॉलेजियम के फैसले में बदलाव हो।’
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पूर्व राष्ट्रपति पर है ये आरोप
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा पर सरकारी अनुबंधों में कंपनियों का पक्ष लेने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप है। हालांकि लूला इससे इनकार करते रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने साल 2017 में लूला को दोषी पाया था और साढ़े नौ साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। एक अपीलीय अदालत ने लूला की याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनकी उनकी सजा को कठोर करते हुए इसे बढ़ाकर 12 साल से ज्यादा कर दिया था।