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पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई गेट के मुद्दे पर फंसे योगी के मंत्री, द्वार पर नहीं लिखी ये बात

जगदीशपुर विधायक व राज्यमंत्री सुरेश पासी एक बार फिर बोर्ड के फेर में उलझ गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बने प्रवेश द्वार पर बिना पंडित लगाए अटल का नाम लिखने का है

अमेठीJun 07, 2020 / 05:24 pm

Karishma Lalwani

पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई गेट के मुद्दे पर फंसे योगी के मंत्री, द्वार पर नहीं लिखी ये बात

पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई गेट के मुद्दे पर फंसे योगी के मंत्री, द्वार पर नहीं लिखी ये बात

अमेठी. जगदीशपुर विधायक व राज्यमंत्री सुरेश पासी एक बार फिर बोर्ड के फेर में उलझ गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बने प्रवेश द्वार पर बिना पंडित लगाए अटल का नाम लिखने का है। विवाद बढ़ने पर बोर्ड पर पूर्व प्रधानमंत्री के नाम के आगे पंडित लिखवा दिया गया। दो दिन पहले महाराणा प्रताप द्वार पर लिखे शब्दों को लेकर भी घमासान मचा था।
शुकुल बाजार मंडल में मंत्री ने अटल बिहारी बाजपेयी द्वार बनवाया है। जिसमें भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री होने के बावजूद नाम के सामने सम्मानजनक शब्द नहीं लिखवाया गया। इसी बात को लेकर द्वार पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए। द्वार के एक ओर पूर्व पीएम भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेई की फोटो लगी है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं जिले के जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश पासी की। दोनों के मध्य लिखा गया है ‘अटल बिहारी बाजपेयी द्वार।’ इस मसले पर मंत्री घिर गए। बल्दीराय ब्लाक के कांग्रेस अध्यक्ष धनंजय सिंह ने सोशल मीडिया पर इस द्वार की फोटो वायरल करते हुए लिखा कि राजपूत के बाद अब निशाने पर ब्राह्मण समाज।
हमारे मार्गदर्शक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पंडित अटल विहारी बाजपेयी इस देश के रत्न ही नही बल्कि इस देश के 3 बार के प्रधानमंत्री प्रख्यात वक्ता, और जिस पार्टी के ये राज्य मंत्री हैं उसके पुरोधा भी हैं! मंत्री जी ये आधा-अधूरा सम्मान क्यों, आपके ही के पार्टी के महान व्यक्ति “भारत रत्न, पद्म विभूषण” से सम्मानित एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति, 3 बार प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के नाम के आगे उनकी प्रसिद्धि,राष्ट्रीय पुरस्कार, योग्यता या मरणोपरांत प्रयोग किए जाने वाला “सम्मान सूचक” शब्द का प्रयोग क्यों नहीं किया गया। विवाद के दोपहर बाद बोर्ड को सही करवा दिया गया। विधायक ने शुकुल बाजार में डॉ. भीमराव अंबेडकनगर द्वार, थोरी में भाले सुल्तान, व वारिशगंज में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वार भी बनवाया है। डीएम अरुण कुमार ने कहा कि एसडीएम को बोर्ड सही करवाने का आदेश दिया गया है।

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