अलवर. राजकीय विद्यालय पहाड़ीबास, सिरमौली, उमरैण में प्रिंसिपल रहे जुबेर खान के प्रयासों से स्कूल की तस्वीर बदल गई है। इनके नवाचारों को गूंज विदेशों तक पहुंची। अमरीका के तीन राज्यों कैलिफोर्निया, कैथरीन विश्वविद्यालय तथा वाशिंगटन के छात्र व स्टाफ इनके स्कूल में विजिट कर शोध कार्य कर चुके हैं। जुबेर खान बताते हैं कि […]
अलवर. राजकीय विद्यालय पहाड़ीबास, सिरमौली, उमरैण में प्रिंसिपल रहे जुबेर खान के प्रयासों से स्कूल की तस्वीर बदल गई है। इनके नवाचारों को गूंज विदेशों तक पहुंची।
अमरीका के तीन राज्यों कैलिफोर्निया, कैथरीन विश्वविद्यालय तथा वाशिंगटन के छात्र व स्टाफ इनके स्कूल में विजिट कर शोध कार्य कर चुके हैं। जुबेर खान बताते हैं कि पहले इस विद्यालय में न लाइब्रेरी थी और न कंप्यूटर। बच्चों को पढ़ाना और आधुनिक शिक्षा के लिए तैयार करना चुनौती थी। मैंने दानदाताओं और भामाशाहों के सहयोग से स्कूल में 1. 25 करोड़ के काम करवाए। डिजिटल लाइब्रेरी बनवाई, जो सोलर ऊर्जा संयंत्र से चलती है। इस विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के अन्य छात्र भी ऑनलाइन पढ़ाई कर प्रतियोगी परीक्षाओं व स्कूली परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।