Self Confidence Kaise Badhaye: सेल्फ कॉन्फिडेंस में कमी आपकी तरक्की में बड़ा रोड़ा बन सकती है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूर्य के उपाय इस कमी को दूर कर सकती है। आप सोच रहे हैं कि सेल्फ कॉन्फिडेंस कैसे बढ़ाएं तो आइये जानते हैं आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए मंत्र और सूर्य के ज्योतिषीय उपाय
Aatmvishwas Kaise Badhaye: जयपुर के ज्योतिषी पं. सतीश चंद्र शास्त्री के अनुसार जीवन में सफलता, आत्मविश्वास, पद और प्रतिष्ठा के लिए सूर्य का आशीर्वाद बेहद जरूरी है।
शास्त्री की मानें तो भारतीय ज्योतिष सूर्य को आत्मा, वैभव, आत्मविश्वास, पद प्रतिष्ठा का कारक है और जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास जरूरी है। यह आत्मविश्वास, आत्मबल हमें सूर्य की आराधना और आशीर्वाद से प्राप्त होता है ।
Astrological Remedies Of Surya: पंडित सतीश चंद्र शास्त्री के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य खराब है तो उसका आत्मविश्वास कमजोर रहेगा। ऐसे में इस जातक को कुंडली में सूर्य मजबूत करने के लिए सूर्य के उपाय करने चाहिए। आइये जानते हैं इसके प्रमुख उपाय
1.कुंडली में सूर्य मजबूत करने और आत्मबल बढ़ाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। पं. शास्त्री के अनुसार आदित्य हृदय स्त्रोत से भगवान राम ने भी सूर्य का आशीर्वाद हासिल किया था। ये सूर्य के आशीर्वाद के लिए विशेष उपाय है।
2. पं. शास्त्री के अनुसार यदि जन्म कुंडली में या गोचर के कारण जातक का सूर्य खराब है तो उस व्यक्ति को सूर्य दोष दूर करने यानी सूर्य की शांति के लिए रविवार का व्रत रखना चाहिए। विशेष रूप से खयाल रखें कि रविवार के व्रत में नमक न खाएं, इस दिन अलौना व्रत करें।
3. रोज भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। यदि आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ संभव नहीं है तो भगवान सूर्य के द्वादश नाम रोज कम से कम 12 बार पढ़े। क्योंकि द्वादश आदित्य हैं। सूर्य हमारे यहां 12 माने गए हैं। इस हिसाब से एक-एक सूर्य का एक पाठ।
यह आप कर सकते हैं कि संकल्प कर लीजिए कि मुझे 4 रविवार में कितना पाठ करना है। इस तरह कुल 21 रविवार के व्रतों में 108 पाठ कर लें तो एक अनुष्ठान पूरा हो जाएगा।
4. सूर्य आत्मा हैं, इस कारण सूर्य की प्रार्थना करने से आत्मबल बढ़ता है। जब व्यक्ति का आत्मबल गिर जाता है तो वह किसी भी कार्य में सफल नहीं होता है। इस कारण आत्मबल बढ़ाने के लिए सूर्य की आराधना आवश्यक है।
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सूर्य गायत्री मंत्र सूर्य को प्रसन्न करने का शक्तिशाली मंत्र है। मान्यता है कि इसका रोज जप करने से जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर है, उन्हें लाभ होता है। सूर्य ग्रहण के दौरान भी इस सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके शुभ परिणाम के लिए सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सूर्य मंत्र 108 बार जाप करें, नीचे पढ़ें सूर्य गायत्री मंत्र (ये तीन प्रकार के हैं, आइये जानें)
ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्यथिकराय धीमहि तनः सूर्य प्रचोदयात्
अर्थ: हे दिन के निर्माता भगवान भास्कर दिन के बारे में सोचें और प्रचुर बुद्धि से हमें प्रकाशित करें।
ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तनः सूर्य प्रचोदयात्
अर्थ: हे देवी अदिति के पुत्र सूर्य मेरा मन आप में केंद्रित हो ऐसी शक्ति हमें मिले, साथ ही हमें महान बुद्धि का आशीर्वाद दें।
ૐ सप्त तुरंग विधमन्हे सहस्र किर्नाय धीमहि तन्नो रवि प्रचोदयत
अर्थ: सप्ताह के सातों दिन चलने वाले सात घोड़ों के रथ पर सवार भगवान भास्कर, जिनकी असंख्य प्रकाश किरणें धरती माता को स्पर्श करती हैं, आप में मेरा मन लगे।
आदित्य हृदयम मंत्र एक उपचार मंत्र है। इस सूर्यदेव मंत्र से सभी मानसिक और शारीरिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसे सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके 108 बार जपना चाहिए।
मान्यता है कि आदित्य हृदय मंत्र क्रोध और अहंकार के टकराव को दूर रखकर आपको लाभ पहुंचाता है। यह आपको आंतरिक रूप से आध्यात्मिक बनाता है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है और ऐसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रखता है जो रात भर जगाए रखती हैं।
आदित्यहृदयस्य गुणः शत्रुनाशः
जयवाहं जपेन्नित्यं अक्षय परं शिवम्
अर्थ: भगवान सूर्य की प्रार्थना पवित्र हृदय में सभी शत्रुओं को नष्ट करने की शक्ति वाली है। ऐसे आदित्य (सूर्य देव) की प्रार्थना मैं करता हूं जो सदैव विजयी और सर्वोच्च हैं।
1.नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे,
आयुरारोग्य मैश्वर्याम देहि देवः जगत्पते
2. ॐ ह्रीं सूर्याय नमः
3. ॐ हरं ह्रीं ह्रीं सः सूर्याय नमः