डंपिग यार्ड में नियमों का पालन न कर पर्यावरण को पहुंचाई गई क्षति
आर्थिक अनियमिताओं और शहर की बिगडैल व्यवस्था को लेकर सुर्खियों बटोरने वाली शहर की नगरपालिका पर्यावरण प्रदूषण फैलाने को लेकर फिर सुर्खियों में है। दरअसल नपा के गर्रा स्थित डंपिग यार्ड में पर्यावरण नियमों की अवमानना कर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। इस मामले में जागरूक युवा प्रज्ञेश बिसेन ने 2024 में एनजीटी में अपील कर परिवार प्रस्तुत किया। सुनवाई के बाद एनजीटी ने प्रदूषण क्षतिपूर्ती के तौर पर नगरपालिका पर 17 करोड़ 67 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। राशि वसूली के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय से कलेक्टर बालाघाट को पत्र भी प्राप्त हुआ है। वसूली की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने तहसीलदार को सौंपी है। राजस्व अधिकारियों ने नपा को नोटिस भी जारी किया है।
जानकारी के अनुसार शहरभर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़ा-कचरे के निष्पादन के लिए नपा ने गर्रा रेंगाटोला रोड पर डंपिंग यार्ड बनाया हुआ है। यहां कचरे का निष्पादन कर खाद बनाए जाने की प्रक्रिया की जाती है। लेकिन इस प्रक्रिया में पर्यावरण प्रदूषण का ध्यान न रखते हुए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप नपा प्रशासन पर लगाए गए हैं। पूरे मामले में वर्ष 2024 में जागरूक युवा बिसेन ने 138/2024 प्रकरण एनजीटी में प्रस्तुत किया। मामले में सुनवाई के बाद एनजीटी ने 7 अक्टूबर 2025 को आदेश जारी कर नपा पर 17 करोड़ की राशि अधिरोपित की। इसके बाद 24 नवंबर को क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक पत्र कलेक्टर बालाघाट को भेजा है। इस पत्र के माध्यम से नपा से सख्ती से राशि वसूल करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।
पर्यावरण प्रदूषण क्षतिपूर्ती के तौर पर नपा पर 17 करोड़ 67 लाख की जुर्माना राशि अधिरोपित की गई है। इस मामले में नपा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। मप्र भू राजस्व संहिता की धारा 147 के अंतर्गत बकाया राशि वसूल करने का अधिकार तहसीलदार के पास होता है। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
गोपाल सोनी, एसडीएम बालाघाट