बैतूल। जिला मुख्यालय के बडोरा क्षेत्र स्थित फोरलेन पर शुक्रवार सुबह एक भीषण सडक़ हादसा हो गया। रायपुर से उज्जैन दर्शन के लिए जा रही एक कार अनियंत्रित होकर सडक़ से नीचे उतर गई और पलट गई। इस दुर्घटना में कार सवार तीन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल […]
बैतूल। जिला मुख्यालय के बडोरा क्षेत्र स्थित फोरलेन पर शुक्रवार सुबह एक भीषण सडक़ हादसा हो गया। रायपुर से उज्जैन दर्शन के लिए जा रही एक कार अनियंत्रित होकर सडक़ से नीचे उतर गई और पलट गई। इस दुर्घटना में कार सवार तीन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल बैतूल में भर्ती कराया गया है।
बताया गया कि हादसा शुक्रवार सुबह करीब 6 से 7 बजे के बीच हुआ। कार में कुल पांच लोग सवार थे, जो गुरुवार रात रायपुर छत्तीसगढ़ से उज्जैन दर्शन के लिए निकले थे। जैसे ही कार बडोरा क्षेत्र के फोरलेन पर पहुंची, तभी सामने से अचानक एक ट्रक आ गया। ट्रक को देखकर चालक घबरा गया और वाहन से नियंत्रण खो बैठा, जिससे कार सडक़ से नीचे उतरकर पलट गई। हादसे में आयुष शुक्ला 26 वर्ष निवासी रायपुर, शौर्य तिवारी 22 वर्ष और बाबू तिवारी 15 वर्ष को गंभीर चोटें आई हैं। वहीं कार में सवार दो अन्य लोगों को मामूली चोटें आई हैं।
राहगीरों ने की मदद
दुर्घटना के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। राहगीरों ने तत्काल एंबुलेंस को सूचना दी। एंबुलेंस के पहुंचते ही घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल बैतूल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार सभी घायलों की हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है। घटना की सूचना संबंधित थाना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में ट्रक को देखकर चालक का घबरा जाना हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
बैतूल। शासकीय जयवंती हॉक्सर कॉलेज में गुरुवार को आपदा से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण प्लाटून कमाण्डर सुनीता पन्दरे के नेतृत्व में एसडीईआरएफ के जवानों द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के दौरान जवानों ने प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिले में संभावित बाढ़ आपदा, आग, भूकम्प, प्राथमिक उपचार तथा वर्तमान में चल रही शीतलहर से बचाव के उपायों को एक-एक कर समझाया गया। प्राथमिक उपचार के अंतर्गत पट्टी बांधने, घायलों को सुरक्षित तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की आकस्मिक विधियों की जानकारी दी गई। स्ट्रेचर के उपयोग के साथ-साथ घरेलू संसाधनों से स्ट्रेचर तैयार करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमें रस्सी, कंबल, बोरी, टी-शर्ट आदि से स्ट्रेचर बनाकर उसका उपयोग करना सिखाया गया। साथ ही आपात स्थिति में सीपीआर देने की विधि भी समझाई गई। बाढ़ आपदा के दौरान क्या करें और क्या न करें, इस पर विशेष जोर दिया गया। लाइफ जैकेट के उपयोग के साथ-साथ प्लास्टिक की बोतलों से अस्थायी लाइफ जैकेट बनाने तथा घरेलू सामान से राफ्ट तैयार करने की जानकारी दी गई।