- चार्जशीट खारिज होने के बाद कांग्रेस का आक्रोश, कहा सत्य की जीत हुई - भीलवाड़ा में पहली बार कांग्रेस के दोनों संगठनों में दिखी एकजुटता
भीलवाड़ा जिले में नेतृत्व मिलने के बाद पहली बार शहर एवं देहात कांग्रेस ने एक साथ भाजपा के खिलाफ संयुक्त रूप से बुधवार को विरोध प्रदर्शन के जरिए हमला किया। केंद्र सरकार पर ईडी व अन्य संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने प्रांत व्यापी आह्वान के तहत विरोध दर्ज कराया।
जिला कांग्रेस कार्यालय पर ग्रामीण जिलाध्यक्ष रामलाल जाट एवं शहर जिलाध्यक्ष शिवराम खटीक (जीपी) के नेतृत्व में कांग्रेस जन एकत्रित हुए। यहां से भाजपा के केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए पैदल मार्च करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे कार्यकर्ता ‘मोदी-शाह तेरी तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘ईडी का दुरुपयोग बंद करो’ जैसे नारे लगाते हुए आगे बढ़े। कलक्ट्रेट परिसर पहुंचने पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिकात्मक पुतला फूंका गया।
ग्रामीण कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामलाल जाट ने कहा कि अदालत ने यह सिद्ध कर दिया है कि “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं”। ईडी द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह साफ दर्शाता है कि केंद्र सरकार राजनीतिक द्वेषता के तहत विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा न्यायपालिका में विश्वास करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवराम खटीक (जीपी) ने कहा कि ईडी के जरिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बदनाम करने की साजिश पूरी तरह विफल हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि झूंठे मुकदमों में उलझाने के बजाय देश की जनता की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए। युवा बेरोजगार हैं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और महंगाई चरम पर है। कोर्ट में सरकार की हार और सत्य की जीत हुई है।
विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष कैलाश व्यास, राजेंद्र त्रिवेदी, ओम नारानीवाल, रनदीप त्रिवेदी, मनोज पालीवाल, धर्मेंद्र पारीक, ओंकार माली, मधु जाजू, मंजू पोखरना, रामगोपाल पुरोहित, राजेंद्र जैन, रफीक शेख, मेवाराम खोईवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जांच एजेंसियों का इस्तमाल राजनीतिक विरोधियों को डराने एवं दबाने के लिए कर रही है, जो कि लोकतंत्र के लिए खतरा है।
प्रदर्शन में दुगेश शर्मा, महेश सोनी, हेमेन्द्र शर्मा, कुणाल ओझा, आशीष राजस्थला, सुमित्रा कांटिया, लाखाराम गुर्जर, चेतन डीडवानिया, गोवर्धन गुर्जर, मनीष मेवाडा, ईश्वर खोईवाल, अनिल राठी,संजय मेवाडा, रेखा हिरण, योगेश सोनी, प्रकाश ओझा, अविचल व्यास, गुडविन मसीह, हरफूल जाट, अर्चना दुबे, शंकर लाल कुमावत, शंकर लाल गाडरी, दुर्गेश पानेरी, राजेंद्र चौधरी, गिरीश कौशिक समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।