- चित्तौड़गढ़ जिले में बेगूं के धूलखेड़ा का मामला, 20 जनों को प्राथमिक उपचार के बाद दी छूटी - गांव में हड़कंप, चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंची, घर-घर सर्वे का काम शुरू
चित्तौड़गढ़ जिले में बेगूं के उप नगर धूलखेड़ा में दूषित पानी ने दो लोगों की जिन्दगी लील ली। जबकि 55 लोग बीमार हो गए। दूषित पानी पीने के बाद इन लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई है। चिकित्सा विभाग की टीमें मौके पर पहुंची है और घर-घर सर्वे का काम शुरू किया है। इस घटनाक्रम के बाद गांव में हड़कंप मचा हुआ है। दूषित पानी से बीमार हुए लोगों में से 31 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें से 20 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। जबकि दो गंभीर रोगियों को चित्तौड़गढ़ रैफर किया गया। रैफर हुए शंकरलाल धाकड़ (75) की उपचार के दौरान मौत हो गई। उधर ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन पहले गोपीलाल धाकड़ की भी उल्टी दस्त से मौत हुई थी। चिकित्सा विभाग की टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया। सामान्य रोगियों को घर पर ही दवा दी गई। मामले में जलदाय विभाग ने जांच के बाद बताया कि धूलखेड़ा में कई घरों के पेयजल कनेक्शन की पाइप लाइन नाले से होकर गुजर रही थी। पाइप लाइन में लीकेज होने से दूषित पानी पेयजल आपूर्ति में मिल गया। अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि क्षेत्र में नई पाइप लाइन डाली जाएगी, तब तक टैंकरों के जरिए पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
स्वच्छ पेयजल को लेकर कलक्टर के निर्देश हवा
जिला कलक्टर आलोक रंजन कई बार जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दे चुके हैं कि गर्मी के मौसम को देखते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ और शुद्ध पानी मुहैया करवाया जाए। इसके बावजूद धूलखेड़ा गांव में हुई यह घटना जिला कलक्टर के निर्देशों की अवहेलना बयां कर रही है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दो लोगों की मौत के बाद अब पता चला है कि पाइप लाइन लीक होने के कारण नाले का दूषित पानी पेयजल आपूर्ति में मिश्रित हो गया। समय पर पाइप लाइनों की देखरेख और मरम्मत नहीं करने का यह नतीजा सामने आया है।