- विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिकता - पंचायतीराज विभाग ने जारी किए निर्देश
ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और नवसृजन के बाद अब उनके कार्यालयों के लिए भवनों की तलाश शुरू हो गई है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार नवसृजित ग्राम पंचायत मुख्यालयों के लिए सबसे पहले राजकीय विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने जिला कलक्टर व जिला परिषद के सीईओ का पत्र जारी कर जिले में नवसृजित ग्राम पंचायतों के संचालन की लिए कार्यालय भवन तलाश करने को कहा है। कई स्थानों पर ग्रामपंचायत कार्यालयों के लिए भवनों का टोटा सामने आ रहा है। ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नए मुख्यालयों के लिए उपयुक्त स्थान और भवन उपलब्ध कराए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत कार्यालयों के लिए स्थायी भवन होना जरूरी है।
इन भवनों में संचालित होंगी नई पंचायत
पंचायती राज विभाग के अनुसार स्वयं का भवन नहीं बनने तक नई ग्राम पंचायतों के कार्यालयों का संचालन अन्य राजकीय भवनों में अस्थाई तौर पर किया जाएगा। इसके लिए राजकीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पशु चिकित्सा केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र भवन का चयन किया जाएगा। पुनर्गठन व नव सृजन के तहत जिले में कुल 132 नई ग्राम पंचायतों का नवसृजन किया गया है। इसके लिए जिले में 132 कार्यालय भवनों की जरुरत है।
भवनों की कर रहे तलाश
पंचायत राज से मिले आदेशों की पालना में नवसृजित ग्राम पंचायत मुख्यालयों में सरकारी भवनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाख्से सम्पर्क कर रहे है। जहां भवनों की कमी है, वहां अस्थायी व्यवस्था की जाएगी, ताकि पंचायत कार्यालयों का संचालन बाधित न हो।
चन्द्रभानसिंह भाटी, सीईओ भीलवाड़ा